जयपुर, 8 जून 2025: राजस्थान में गरीब परिवारों को सस्ता अनाज देने वाली योजना ने एक नया कीर्तिमान बनाया है। इस योजना के तहत करीब 1 लाख 81 हजार 485 जरूरतमंद परिवारों को जोड़ा गया है। वहीं दूसरी तरफ 1 लाख 88 हजार 255 ऐसे लोग जो इस योजना के लिए पात्र नहीं थे, उन्होंने इसे स्वेच्छा से छोड़ दिया। इसे ‘गिव अप’ (Give Up) कहा जा रहा है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इस मामले में जयपुर ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और 41 जिलों में पहला स्थान हासिल किया।
जरूरतमंदों तक पहुंचा अनाज, पारदर्शिता पर जोर
इस पहल के तहत उन लोगों को अनाज का लाभ दिया जा रहा है जो वाकई इसके हकदार हैं। 26 जनवरी से 2 जून 2025 तक चले अभियान में 1.81 लाख से ज्यादा नए परिवारों को योजना से जोड़ा गया। राशन की दुकानों पर आधार कार्ड (Aadhaar Card) के जरिए सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। तस्वीरों में दिख रहा है कि लोग कतार में लगकर अपने दस्तावेज दिखा रहे हैं और अनाज ले रहे हैं। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित हो रहा है कि सही व्यक्ति तक ही लाभ पहुंचे।
जयपुर में सर्वाधिक 1 लाख 88 हजार 255 अपात्र लाभार्थियों ने किया ‘गिव अप’
– खाद्य सुरक्षा योजना के तहत 1 लाख 81 हजार 485 नए पात्र लाभार्थियों को मिला ‘हक’
– अपात्र लाभार्थियों द्वारा ’गिव अप’ के मामले में 41 जिलों में प्रथम स्थान पर जयपुर जिला
– 26 जनवरी 2025 से 2 जून 2025… pic.twitter.com/vxrSS2kBke
— सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (@DIPRRajasthan) June 8, 2025
जयपुर ने मारी बाजी, अपात्रों ने दिखाई समझदारी
जयपुर जिला इस अभियान में सबसे आगे रहा। यहाँ सबसे ज्यादा अपात्र लोगों ने योजना को छोड़ा ताकि जरूरतमंदों को उनका हक मिल सके। कुल 1.88 लाख से ज्यादा लोगों ने ‘गिव अप’ किया, जो एक बड़ा आंकड़ा है। इस कदम से गरीब परिवारों को गेहूं, चावल और अन्य जरूरी चीजें सस्ते दामों पर मिलने लगी हैं। राशन वितरण (Ration Distribution) की प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिससे लोगों को राहत मिली है।
गरीबी से जंग में सरकार की नई पहल
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चल रही इस योजना का मकसद हर जरूरतमंद तक अनाज पहुंचाना है। सरकार का कहना है कि इस अभियान से न केवल गरीबों को मदद मिलेगी बल्कि योजना के गलत इस्तेमाल को भी रोका जा सकेगा। आने वाले समय में और ज्यादा परिवारों को इस योजना से जोड़ने की तैयारी है। राजस्थान में इस तरह की पहल से उन लोगों को बड़ा सहारा मिला है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सस्ते अनाज के लिए सरकारी मदद पर निर्भर हैं।