लखनऊ, 4 जून 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पुलिस भर्ती में पूर्व अग्निवीरों को 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया है। यह फैसला मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री ने की। इसके साथ ही अग्निवीरों को आयु सीमा में भी 3 साल की छूट दी जाएगी।
यह आरक्षण पुलिस बल के विभिन्न पदों जैसे सिपाही, पीएसी, घुड़सवार आरक्षी और फायरमैन की सीधी भर्ती में लागू होगा। सरकार का कहना है कि इस कदम से अग्निपथ योजना के तहत 4 साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को नौकरी में प्राथमिकता मिलेगी।
कैबिनेट के फैसले के अनुसार, अग्निवीरों को भर्ती के लिए अधिकतम आयु में 3 साल की छूट दी जाएगी। यह छूट उन सभी अग्निवीरों को मिलेगी जो पुलिस बल में भर्ती के लिए आवेदन करेंगे। इस फैसले से बड़ी संख्या में युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने अग्निपथ योजना की शुरुआत के समय यह आश्वासन दिया था कि अग्निवीरों को राज्य की पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी। इस फैसले के साथ सरकार ने अपने उस वादे को पूरा कर दिया है। यह भर्ती प्रक्रिया 2026 से शुरू होगी, जब अग्निपथ योजना का पहला बैच अपनी सेवा पूरी कर लेगा।
हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों ने अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है, लेकिन उत्तर प्रदेश 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने वाला पहला राज्य बन गया है। इस फैसले को देश भर में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है।
पुलिस भर्ती के आंकड़ों के अनुसार, सिपाही के 22,832, पीएसी के 2,245, घुड़सवार आरक्षी के 71 और फायरमैन के 24,244 पदों पर भर्ती होगी। इनमें से 20 प्रतिशत पद अग्निवीरों के लिए आरक्षित होंगे। वर्तमान में राज्य में कुल 4,543 पद रिक्त हैं, जिनमें से 60,244 पद सिपाही और अन्य संवर्गों के हैं। यह फैसला अग्निवीरों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है, जिससे उन्हें पुलिस बल में शामिल होने का मौका मिलेगा।