चंडीगढ़, 03 जून 2025: हरियाणा सरकार ने राज्य में प्रशासनिक दक्षता (Efficiency) और पारदर्शिता (Transparency) को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंगलवार को रेशनलाइजेशन कमीशन (Rationalization Commission) ने अपनी पहली 18 रिपोर्ट्स मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सौंपी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पांच विभागों को पायलट आधार (Pilot Basis) पर लागू करने के निर्देश दिए।
रेशनलाइजेशन कमीशन का उद्देश्य
रेशनलाइजेशन कमीशन का गठन राज्य सरकार ने विभिन्न सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों के पुनर्गठन (Restructuring) के लिए किया था। इसका मुख्य उद्देश्य इन संस्थानों की कार्यक्षमता को बढ़ाना और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करना है। कमीशन ने अपनी रिपोर्ट्स में विभागों की जरूरतों के अनुसार कर्मचारियों की संख्या, आधुनिक प्रबंधन प्रणाली (Modern Management System) और अनावश्यक संस्थानों को बंद करने की सिफारिश की है।
इन विभागों पर होगा पहला फोकस
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रेशनलाइजेशन की प्रक्रिया को सबसे पहले पांच विभागों में लागू किया जाए। इनमें जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी (Public Health Engineering), सिंचाई (Irrigation), खान एवं भूविज्ञान (Mines and Geology), बागवानी (Horticulture) और शहरी स्थानीय निकाय (Urban Local Bodies) शामिल हैं। इन विभागों में समयबद्ध तरीके से बदलाव किए जाएंगे ताकि प्रशासनिक प्रक्रिया को और बेहतर बनाया जा सके।
दक्षता और जवाबदेही पर जोर
रेशनलाइजेशन कमीशन की रिपोर्ट्स में सुझाव दिया गया है कि विभागों में दक्षता और जवाबदेही (Accountability) को बढ़ाने के लिए नए तरीके अपनाए जाएं। इसके तहत अनावश्यक पदों को समाप्त करने और जरूरी पदों पर सही नियुक्तियां करने की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
हरियाणा सरकार का यह कदम राज्य में प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद करता है। इससे न केवल सरकारी कामकाज में तेजी आएगी, बल्कि आम जनता को भी बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।