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बिजाई के लिए मार्किट में आई नई मशीन, मात्र साढ़े 6 हजार में ले सकेंगे किसान

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agriculture machine
किसानो को खेती में बिजाई के साथ खाद उर्वरक एवं खेतो की जुताई में काफी पैसा खर्च करना पड़ता है। जिससे खेती की लागत भी बढ़ती है और मुनाफा कम होता है। लेकिन मार्किट में नई नई तकनीक के साथ मशीन आ चुकी है जो खेती के लिए लागत को भी कम करती है और साथ में ही बुआई में होने वाले खर्च एवं होने वाले वेस्ट को भी कम करती है। बिहार के राजेश कुमार ने एक हाथ से चलने वाली बिजाई मशीन का निर्माण किया है जो मात्र साढ़े 6 हजार की कीमत में आ रही है। इससे सोयाबीन, चने, गेहू सहित अन्य कई फसलों की बुआई के लिए उपयुक्त है। इस मशीन के जरिये खेतो में एक समान बुआई के साथ खाद की भी एक समान मात्रा खेतो में डाली जा सकती है। 

खेतो में इसको आसानी से उपयोग किया जा सकता है। जो छोटे किसानो है। कम जमीं पर खेती करते है उनके लिए ये मशीन काफी उपयोगी साबित हो सकती है। चूँकि ये मशीन मानव संचालित है तो इसमें ट्रेक्टर में लगने वाले डीजल एवं अन्य खर्चे नहीं होंगे। हाथो द्वारा मशीन से छोटे स्तर पर आसानी से खेतो में बुआई की जा सकती है। मशीन सस्ता होने से किसानो को एक बार खरीद के बाद बार बार पैसे लगाने की जरुरत नहीं होती है। इस मशीन में बुआई भी एक समान होती है। बिहार के कृषि मेले में मशीन को प्रदर्शित किया गया था। 

कैसे काम करती है मशीन 

ये छोटी सी मशीन तकनीकी रूप से काफी खास है। इसमें बीज स्टोरेज की सुविधा है। यानि की इसमें एक बार बीज डालने के बाद आप लगातार बिजाई कर सकते है। बीज के साथ उर्वरक भी इसमें दाल सकते है। ये मशीन जमीन के अंदर उचित गहराई तक बीज को डालती है। जिससे समान रूप से बीज जमीन में जाते है और उचित  दुरी पर बीजो की बुआई करती है। जिससे खेत में पौधो की दुरी भी एक समान रहती है। बीज एक समान रूप से जमीन में जाते है। निश्चित मात्रा में बीज की बुआई होने से एक जगह पर समान दुरी के हिसाब से पौधे उगते है।

 

समान रूप से बीज खेत में यदि बिजाई करते है फसल का उत्पादन भी अच्छा होता है। साथ में सिंचाई , निराई गुड़ाई में भी सुविधा रहती है। पौधो के बिच समान दुरी रहने से खाद एवं पोषक तत्वों का वितरण भी समान रूप से होता है। जिससे पुरे खेत में पौधे समान रूप से ग्रोथ करते है। इस मशीन से एक साथ उर्वरक एवं बीज की बुआई की जा सकती है। जिससे किसानो को बार बार मेहनत नहीं करनी होती है। यदि खेत में पहले खाद की बिजाई करे और फिर इसमें बीज की बिजाई करते तो काफी खर्चा होता है। लेकिन दोनों कार्य एक साथ हो तो लागत कम आती है। और समान रूप से बुआई से खेतो में फसल उतपादन भी अच्छा होता है। 

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