बलोचिस्तान, 05 मई 2025: बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने एक बार फिर पाकिस्तान और चीन के खिलाफ अपनी कार्रवाई को तेज कर दिया है। सोमवार को एक सनसनीखेज घटना में बलोच आर्मी ने चीन से हथियार और सैन्य सामग्री लेकर पाकिस्तान जा रहे ट्रकों में आग लगा दी। इस हमले के साथ ही बलोच आर्मी ने कड़ी चेतावनी दी है कि अगर कोई भी चीनी ट्रक बलोचिस्तान की सीमा में घुसा, तो उसे राख कर दिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो विराट हो रहा है जो की बलोचिस्तान का बताया जा रहा है। एक पोस्ट के अनुसार, बलोच आर्मी ने यह कार्रवाई बलोचिस्तान में की। पोस्ट में एक वीडियो भी शेयर किया गया, जिसमें एक ट्रक के अंदर का दृश्य दिखाया गया है, जहां सीट बेल्ट साफ नजर आ रही है। हालांकि, वीडियो में आग लगने की घटना को स्पष्ट रूप से नहीं दिखाया गया है, लेकिन पोस्ट में दावा किया गया है कि बलोच आर्मी ने ट्रकों को जलाने की कार्रवाई की। इस घटना ने पाकिस्तान और चीन की साझेदारी, खासकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इसको भी पढ़ें: हरियाणा में बिजली बिल पर राहत: सरचार्ज माफी योजना आज से लागू, 10% अतिरिक्त छूट का ऐलान
बलोच आर्मी की चीन और पाकिस्तान आर्मी को चेतावनी
बलोच आर्मी ने अपने बयान में कहा, “हम चीनी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगर कोई भी चीनी ट्रक हमारी सीमा में घुसा, तो उसे राख कर दिया जाएगा।” यह कार्रवाई बलोचिस्तान में बढ़ते विद्रोह का हिस्सा मानी जा रही है, जहां बलोच लिबरेशन आर्मी लंबे समय से स्वायत्तता और अलगाव की मांग कर रही है।
इसको भी पढ़ें: राजस्थान में मौसम अपडेट: धूल भरी आंधी और हल्की बारिश दर्ज, नाथद्वारा में सर्वाधिक वर्षा
पाकिस्तान-चीन संबंधों पर होगा असर
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब बलोचिस्तान में CPEC परियोजनाओं को लेकर तनाव चरम पर है। बलोच आर्मी ने पहले भी CPEC से जुड़े प्रोजेक्ट्स और चीनी नागरिकों को निशाना बनाया है। इस हमले से पाकिस्तान और चीन के बीच तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि चीन ने इस क्षेत्र में अपनी सुरक्षा को लेकर पहले ही चिंता जताई थी।
बलोचिस्तान में लंबे समय से चल रहा विद्रोह
बलोचिस्तान में लंबे समय से विद्रोह चल रहा है। बलोच लिबरेशन आर्मी और अन्य समूह पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांग बलोचिस्तान की स्वायत्तता और प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय लोगों का अधिकार है। CPEC परियोजनाओं के कारण यह तनाव और बढ़ गया है, क्योंकि बलोच समुदाय का मानना है कि इन परियोजनाओं से स्थानीय लोगों को कोई फायदा नहीं हो रहा है।