Bhopal 90 Degree Bridge Controversy: सीएम मोहन यादव ने 8 इंजीनियरों को निलंबित किया, एजेंसी ब्लैकलिस्टेड

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के 90 डिग्री मोड़ ने हर तरफ हलचल मचा दी है। इस अनोखे डिज़ाइन की वजह से ब्रिज चर्चा में तो आया लेकिन सुरक्षा को लेकर सवाल भी उठे। लोग इसे हादसों का न्योता बता रहे थे। अब इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त कदम उठाया है। लेकिन ये सोचने वाली बात है कि इस प्रकार का डिजाइन आखिर कौन से इंजीनियरिंग का कमाल है। दरअसल ये पहला मामला है जब ब्रिज को 90 डिग्री पर मोड़ दिया गया है।
सीएम ने दिखाई सख्ती, 8 इंजीनियर सस्पेंड
सीएम मोहन यादव ने इस ब्रिज के निर्माण में हुई लापरवाही को गंभीरता से लिया। जांच के बाद लोक निर्माण विभाग (PWD) के 8 इंजीनियरों पर बड़ी कार्रवाई की गई। दो चीफ इंजीनियर समेत सात इंजीनियरों को तुरंत सस्पेंड कर दिया गया, जबकि एक रिटायर्ड सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच शुरू होगी। इतना ही नहीं, ब्रिज का गलत डिज़ाइन बनाने वाली एजेंसी और डिज़ाइन कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
क्यों बना 90 डिग्री का मोड़?
18 करोड़ रुपये की लागत से बना यह ब्रिज ऐशबाग, महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र को जोड़ने के लिए बनाया गया था। लेकिन 90 डिग्री का तीखा मोड़ हादसों का कारण बन सकता था। जांच में पता चला कि जमीन की कमी और पास के मेट्रो स्टेशन की वजह से ऐसा डिज़ाइन बनाया गया। अब सुधार के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो रेलवे और अन्य पक्षों से बात कर मोड़ को सुरक्षित बनाएगी।
कब तक खुलेगा ये ब्रिज लोगों के लिए
सीएम ने साफ कहा है कि जब तक ब्रिज पूरी तरह सुरक्षित नहीं होगा तथा इसका उद्घाटन नहीं होगा। सुधार कार्य शुरू हो चुके हैं और जल्द ही इसे ठीक कर लिया जाएगा। ब्रिज ठीक होने के बाद ही इसका उद्घाटन होगा और पूरी तरह सुरक्षित होने पर ही आम लोगों के लिए इसको शुरू किया जायेगा।