चंडीगढ़, 9 जून 2025: हरियाणा के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है! राज्य सरकार ने धान की सीधी बिजाई (Direct Seeded Rice – DSR) को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना शुरू की है जिसमें हर किसान को 4500 रुपये प्रति एकड़ की आर्थिक मदद दी जाएगी। यह कदम पानी की बचत और पर्यावरण संरक्षण (Environmental Conservation) को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO Haryana) ने इसकी घोषणा एक पोस्ट के ज़रिए की है। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो 10 जुलाई 2025 तक पंजीकरण करा लें।
हरियाणा सरकार ने धान की सीधी बिजाई करने वाले हर किसान को ₹4500 प्रति एकड़ वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है।
किसान भाई धान की सीधी बिजाई अपनाएं, पानी व पर्यावरण को बचाएं, इससे धान की उपज भी बढ़ेगी और हरियाणा का पानी भी संरक्षित होगा।
पंजीकरण की अंतिम तिथि: 10 जुलाई 2025
टोल… pic.twitter.com/kdKlcTMgzn— CMO Haryana (@cmohry) June 8, 2025
पानी की कमी से जूझते किसानों के लिए राहत की खबर
पानी की कमी आज हरियाणा के किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है। भूजल स्तर (Groundwater Level) लगातार नीचे जा रहा है और पारंपरिक खेती के तरीके इसे और बिगाड़ रहे हैं। लेकिन अब धान की सीधी बिजाई तकनीक से न सिर्फ पानी की बचत (Water Saving) होगी बल्कि किसानों की जेब भी मजबूत होगी। इस तकनीक से धान की पैदावार (Paddy Yield) बढ़ती है और खेती की लागत (Production Cost) भी कम हो जाती है। सरकार ने 12 जिलों में चार लाख एकड़ क्षेत्र में यह तकनीक लागू करने का लक्ष्य रखा है। इसमें अम्बाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत, सोनीपत, जींद, हिसार, सिरसा, रोहतक, यमुनानगर और फतेहाबाद जैसे जिले शामिल हैं।
4500 रुपये के साथ डीएसआर मशीन पर सब्सिडी भी
किसान भाइयों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। प्रति एकड़ 4500 रुपये की मदद तो मिलेगी ही साथ ही डीएसआर मशीन (DSR Machine) खरीदने के लिए 40,000 रुपये तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। एक किसान ने बताया, “पहले हमें खेत में पानी भरकर धान लगाना पड़ता था, लेकिन अब इस नई तकनीक से पानी की जरूरत कम हो गई है और पैदावार भी अच्छी हो रही है।” यह योजना न सिर्फ किसानों की आय बढ़ाएगी बल्कि पर्यावरण को भी बचाने में मदद करेगी। सरकार का कहना है कि यह कदम भविष्य की पीढ़ियों के लिए पानी की समस्या से निपटने में कारगर साबित होगा।
पंजीकरण का आसान तरीका, टोल फ्री नंबर पर करें संपर्क
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को 10 जुलाई 2025 तक पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण के लिए सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ। अगर आपको कोई परेशानी हो रही है तो टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर कॉल करें। यह नंबर किसानों की हर तरह की मदद के लिए शुरू किया गया है। एक अधिकारी ने बताया “हमारा मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना से जुड़ें और पानी की बचत के साथ अपनी खेती को बेहतर बनाएँ।” पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान रखा गया है ताकि हर किसान इसका फायदा उठा सके।
बासमती धान की खेती से किसानों की चमकेगी किस्मत
इस योजना में बासमती धान (Basmati Rice) की खेती को भी खास तवज्जो दी गई है। बासमती की कुछ खास किस्में जैसे सीएसआर-30, पूसा बासमती-1, पूसा बासमती-1121, पूसा बासमती-1509 और हरियाणा बासमती-1 को इस तकनीक के लिए चुना गया है। इन किस्मों की खेती से न सिर्फ पैदावार बढ़ेगी बल्कि बाजार में अच्छी कीमत भी मिलेगी। एक किसान ने भावुक होकर कहा “बासमती की खेती से हमें पहले भी फायदा हुआ है, लेकिन अब सरकार की इस मदद से हमारी मेहनत और रंग लाएगी।”
पर्यावरण और किसानों का भविष्य संवारने की पहल
हरियाणा सरकार की यह योजना सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा कदम है जो पर्यावरण और किसानों के भविष्य को संवारने का वादा करता है। धान की सीधी बिजाई तकनीक से पानी की बचत होगी और भूजल स्तर को बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में भी यह योजना अहम भूमिका निभाएगी। अगर आप भी इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं तो जल्द से जल्द पंजीकरण कराएं और इस नई तकनीक को अपनाकर अपनी खेती को नई दिशा दें।