जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने CRPF जवान की पाकिस्तानी पत्नी को दी बड़ी राहत, डिपोर्टेशन पर लगाई रोक

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जम्मू, 03 मई 2025: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में CRPF जवान की पाकिस्तानी पत्नी मीनाल खान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मीनाल को पाकिस्तान वापस भेजने पर रोक लगा दी है, जो भारत सरकार के हालिया आदेश के तहत अटारी-वाघा बॉर्डर पर डिपोर्टेशन के लिए पहुंच चुकी थीं। यह फैसला पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को भारत से वापस भेजने के सरकार के निर्देश के बाद आया है।

मीनाल खान, जो पाकिस्तान की रहने वाली हैं, ने CRPF जवान मोहम्मद मुनीर के साथ ऑनलाइन शादी की थी। शादी के बाद वह भारत आई थीं, लेकिन उनका वीजा मार्च 2022 में समाप्त हो गया था। मीनाल ने लंबी अवधि के वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और उन्हें वापस भेजने का आदेश जारी किया। इस निर्देश के तहत मीनाल को भी डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

अटारी-वाघा बॉर्डर पर आया कोर्ट का फैसला

जानकारी के अनुसार, मीनाल खान जम्मू से बस में सवार होकर अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंच चुकी थीं, तभी उनके वकील ने उन्हें सूचित किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने उनके डिपोर्टेशन पर रोक लगा दी है। इस फैसले ने मीनाल को बड़ी राहत दी, क्योंकि वह सीमा पार करने के लिए तैयार थीं। कोर्ट के इस निर्णय के बाद मीनाल अब भारत में ही रह सकेंगी, जब तक कि उनके मामले में अगला आदेश नहीं आता।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश दिया था। इस आदेश के तहत पिछले छह दिनों में 786 पाकिस्तानी नागरिक, जिनमें 55 राजनयिक और उनके सहायक कर्मचारी शामिल हैं, अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत से वापस लौट चुके हैं। वहीं, पाकिस्तान से 1,465 भारतीय नागरिक भी भारत लौटे हैं।

सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

इस मामले को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए इसे देश की सुरक्षा के खिलाफ बताया, वहीं कुछ ने मीनाल और मुनीर की शादी को प्यार की मिसाल करार दिया।

एक यूजर ने लिखा, “हम हिंदू बस यही गलती करते हैं, पाकिस्तानियों को भारत में बसा देते हैं,” जबकि एक अन्य ने सवाल उठाया, “CRPF जवान को पाकिस्तानी नागरिक से शादी की अनुमति कैसे दी गई?”

क्या है मीनाल खान का पक्ष?

मीनाल खान का कहना है कि उन्होंने मोहम्मद मुनीर से सच्चे दिल से शादी की है और वह भारत में अपने पति के साथ रहना चाहती हैं। उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी कि मीनाल का वीजा समाप्त होने के बावजूद, उनकी स्थिति को मानवीय आधार पर देखा जाना चाहिए। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करते हुए डिपोर्टेशन पर रोक लगाने का फैसला सुनाया।

आगे क्या होगा?

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद मीनाल खान के मामले में अब अगली सुनवाई का इंतजार है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला भारत-पाकिस्तान संबंधों और सीमा पार शादियों से जुड़े कानूनी पहलुओं पर एक नई बहस छेड़ सकता है। फिलहाल, मीनाल को भारत में रहने की अनुमति मिल गई है, लेकिन इस मामले का अंतिम निपटारा अभी बाकी है।