मथुरा, 03 मई 2025: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक मुस्लिम परिवार के आठ सदस्यों ने सनातन धर्म अपनाकर अपनी जड़ों की ओर वापसी की है। इस परिवार ने वृंदावन के एक आश्रम में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के साथ सनातन धर्म में प्रवेश किया। इस दौरान परिवार के सभी सदस्यों ने अपने नाम भी बदल लिए।
मुगल काल में हुआ था धर्म परिवर्तन
परिवार के मुखिया, जिनका पहले नाम जाकिर था और अब जगदीश हो गया है, ने बताया कि उनके पूर्वज मुगल काल तक हिंदू थे। उन्होंने कहा, “मुगल काल में दबाव के कारण हमारे पूर्वजों ने इस्लाम धर्म अपना लिया था, लेकिन मैंने मन, वचन और कर्म से हमेशा देवी काली की पूजा की है। गांव के लोग मुझे आज भी ‘भगत जी’ कहकर बुलाते हैं।” जगदीश ने यह भी बताया कि यह फैसला उन्होंने पिछले तीन सालों से विचार करने के बाद लिया और इसमें किसी भी तरह का दबाव या प्रलोभन नहीं था।
सबीरा बनीं सावित्री, वैदिक रीति से हुई ‘घर वापसी’
परिवार की एक अन्य सदस्य सबीरा ने अपना नाम बदलकर सावित्री रख लिया है। इस परिवार ने हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शरद सैनी की मौजूदगी में यह धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किया। अनुष्ठान से पहले परिवार के सदस्यों को गंगा जल से शुद्ध किया गया और उन्हें भगवा दुपट्टे पहनाए गए। इसके बाद हवन और वैदिक मंत्रों के साथ उनकी सनातन धर्म में वापसी हुई।
सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने की कोशिश
इस घटना को कई लोगों ने सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने की एक गहरी कोशिश के रूप में देखा है। सामाजिक कार्यकर्ता विवेक मिश्रा ने कहा, “यह परिवार 200 साल बाद सनातन धर्म में लौटा है, जो न केवल उनकी व्यक्तिगत आस्था को दर्शाता है, बल्कि इतिहास और पहचान की खोज को भी सामने लाता है। यह दिखाता है कि आस्था कभी पूरी तरह मिटती नहीं, वह बस दब जाती है।”
सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी है। कुछ लोगों ने इसे ‘घर वापसी’ के रूप में सराहा, तो कुछ ने इसे लेकर अलग-अलग राय जाहिर की। एक यूजर ने लिखा, “अगर अच्छी संख्या में लोग सनातन धर्म में वापस आते हैं, तो कई राजनीतिक दलों की राजनीति प्रभावित हो सकती है। इस शुभ कार्य से मैं बहुत खुश हूं।” वहीं, कुछ यूजर्स ने इस घटना को भारत की सांस्कृतिक विविधता के संदर्भ में देखने की सलाह दी।
सनातन धर्म की ओर बढ़ता आकर्षण
हाल के वर्षों में सनातन धर्म की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है। पिछले साल अक्टूबर में वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में महमूद आलम नामक व्यक्ति ने सनातन धर्म अपनाकर अपना नाम गुड्डू लाल रख लिया था। इस तरह की घटनाएं समय-समय पर चर्चा का विषय बनती रही हैं, जो भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक जटिलताओं को दर्शाती हैं।