आज के जमाने में सोशल मीडिया लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। सोशल मीडिया में बहुत सारी एप्लीकेशन इसी है जिनके ना होने से अब सबकुछ अधूरा सा लगने लगेगा। उन्हीं में से एक है WhatsApp जिसके चाहते हम अपने परिचितों, मित्रों, परिवारजनों के साथ बातें करते है। बिना इसके अब आप अपने आप को दुनिया से कटे हुए महसूस करने लगोगे।
बहुत से लोग WhatsApp पर ग्रुप बनकर उसमें बहुत सारे लोगों को जोड़कर रखते है। ओर ये सभी लोग ग्रुप को या तो मनोरंजन करने के लिए बनाये है या फिर अपने बिज़नेस की या फिर एक समूह की जानकारी इसमें साझा करते है। मौजूदा समय में भारत में अभी तक ऐसा कोई भी नियम नहीं लागु हुआ है की किसी भी ग्रुप के एडमिन को कहीं पर रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता हो। लेकिन अब समय बदल गया है क्योंकि दुनिया में एक देश ऐसा हैं जिसने इसको सच कर दिखाया है।
कौन से देश में लागु हुआ नियम
WhatsApp Group Admin को अब अपना पंजीकरण करवाना होगा और इसको लेकर के जिम्बाब्वे की सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है। वहां की सरकार ने कहा है की पुरे देश में जितने भी WhatsApp Group के एडमिन है उन सभी को अपने ग्रुप का पंजीकरण पोस्ट और दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण के पास में करवाना होगा। पंजीकरण करने के बाद में वहां की सरकार की ओर से ग्रुप को चलने का लाइसेंस दिया जायेगा।
WhatsApp Group के लिए पंजीकरण करवाने के लिए वहां की सरकार की तरफ से शुल्क की भी घोषणा कर दी गई है और हाल ही में जिम्बाब्वे के सूचना, संचार प्रौद्योगिकी, डाक और कूरियर सेवा मंत्री (ICTPCS) टाटेंडा मावेटेरा की तरफ से बताया गया है की ग्रुप का पंजीकरण करवाने के लिए $50 शुल्क निर्धारित किया गया है।
ये नियम लागु करने की जरुरत क्यों पड़ी
अब WhatsApp Group को चलने के लिए ये नियम लागु किया है उसके पीछे का कारण भी वहां की सरकार की तरफ से बताया गया है। सरकार ने कहा है की ग्रुप पर लगाए जा रहे इस नियम के जरिये किसी भी प्रकार की गलत सुचना के प्रसारण को रोकना और अशांति फ़ैलाने की संभावनाओं को कम करना है।
व्हाट्सप्प पर ग्रुप में जितने भी लोग जुड़े हुए होते है उन सभी के फ़ोन नम्बर की जानकारी ग्रुप के एडमिन के पास में होती है वो ग्रुप का एडमिन किसी भी समय एक साथ उन सभी को कोई भी सन्देश भेज सकता है। इसके चलते ग्रुप वहां की सरकार के बनाये गए DPA कानून के तहत आते है।
जिम्बाब्वे की चना मंत्री मोनिका मुत्स्वांगवा की तरफ से भी इस नए नियम को लेकर अपना बयान दिया है जिसमे उन्होंने कहा है की इस नए नियम से इसकी वजह से किसी भी प्रकार की झूठी ख़बरों के फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी। इस नए नियम के लागु होने के बाद में वहां के लोगों को दो गुटों में ब्यानबाजी होने लगी है। एक पक्ष इसको सही ठहरा रहा है तो दूसरे पक्ष की तरफ से इस नए नयम को ही गलत ठहरा दिया है।