पंचकूला : हरियाणा सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए 1 जून से राज्य की मंडियों में सूरजमुखी (Sunflower) की खरीद शुरू कर दी है। हरियाणा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करना है। सूरजमुखी की फसल मुख्य रूप से तेल निकालने के लिए उपयोग की जाती है, जिसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है। इस वजह से सरकार ने इस फसल की खरीद को प्राथमिकता दी है ताकि किसानों को समय पर अपनी फसल बेचने का मौका मिले और उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो। इस कदम से राज्य के किसानों में खुशी की लहर है।
76 हजार एकड़ से ज्यादा में हुई सूरजमुखी की बिजाई
विभाग के अनुसार, इस साल हरियाणा में 76,785 एकड़ जमीन पर सूरजमुखी की बिजाई की गई है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि राज्य में सूरजमुखी की खेती को लेकर किसानों का रुझान बढ़ा है। सूरजमुखी की फसल मुख्य रूप से तेल निकालने के लिए उपयोग की जाती है, जिसकी बाजार में अच्छी मांग है। इस वजह से सरकार ने इस फसल की खरीद को प्राथमिकता दी है ताकि किसानों को समय पर अपनी फसल बेचने का मौका मिले।
हरियाणा खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा 1 जून से हरियाणा की मंडियों में सूरजमुखी की खरीद आरम्भ कर दी गई है। इस वर्ष किसानों द्वारा 76,785 एकड़ में सूरजमुखी की बिजाई की गई है और ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर सूरजमुखी हेतु 18166 किसानों ने पंजीकरण किया है।
— DPR Haryana (@DiprHaryana) June 2, 2025
मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर 18,166 किसानों ने किया पंजीकरण
सूरजमुखी की खरीद के लिए सरकार ने ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ (Meri Fasal Mera Byora) पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब तक इस पोर्टल पर 18,166 किसानों ने अपनी फसल का पंजीकरण कराया है। इस पोर्टल के जरिए सरकार किसानों को पारदर्शी तरीके से अपनी फसल बेचने की सुविधा दे रही है। पंजीकरण के बाद किसानों को मंडी में अपनी फसल लाने और बेचने की प्रक्रिया में मदद मिलती है।
किसानों को मिलेगा लाभ
हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा। सूरजमुखी की खरीद शुरू होने से किसानों को अपनी फसल का सही दाम मिलेगा और उन्हें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चले और किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो। इस पहल से न केवल किसानों को आर्थिक रूप से लाभ होगा, बल्कि सूरजमुखी की खेती को बढ़ावा भी मिलेगा। सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में कृषि क्षेत्र को मजबूत किया जाए और किसानों की आय में वृद्धि हो।