Rewari AIMS News : हरियाणा के रेवाड़ी जिले के माजरा मुस्तिल भालखी में बन रहे एम्स का कार्य जोरों शोरों से चल रहा है ओर जल्द ही इसमें ओपीडी का काम शुरू हो जायेगा जिसके बाद लोगों के ईलाज की शुरुआत हो जायेगी। आपको बता दें कि एम्स के निर्माण कार्य में करीब 2500 मजदूर दिन रात कार्य कर रहे है ओर बहुत तेजी के साथ में निर्माण चल रहा है।
इधर चिताडूंगरा की ओर जाने वाले सड़क की ओर जो ओपीडी का कार्य चल रहा है उस पर भी बिल्डिंग का काम काफी हद तक पूरा होने जा रहा है ओर इसके पूरा होते ही बताया जा रहा है कि मरीजों को देखने का काम शुरू हो जायेगा। इस समय बिल्डिंग का काम काफी तेजी के साथ में किया जा रहा है जिसके चलते उम्मीद की जा रही है की बस कुछ ही दिन में ओपीडी भी शुरू हो जाएगी।
203 एकड़ में बन रहा है विशाल एम्स
एम्स का निर्माण कड़ी बड़े एरिया में होने लग रहा है। माजरा मुस्तील भालखी ग्राम की तरफ से इस एम्स के लिए जरुरी 203 एकड़ भूमि सरकार को दी थी जिसमे अब कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। आपको बता दें की इससे पहले शुरुआत में ये एम्स मनेठी गांव में बनने वाला था लेकिन जमीन नहीं मिलने के चलते इधर बनने लग रहा है।
रेवाड़ी जिले के इस एम्स की आधारशिला भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय की उपस्थिति में फरवरी 2024 में की थी और तब से लेकर अब तक काफी काम पूरा किया जा चूका है। आपको बता दें की अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की आधारशिला कार्यक्रम के दौरान उस वक्त के हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री श्री राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला मौजूद थे।
देश का 22वा एम्स
माजरा गांव में बन रहा ये ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज़(एम्स) देश का 22वा एम्स है और 210 एकड़ में बनने वाले एम्स के निर्माण में केंद्र सरकार की तरफ से 1300 करोड़ रूपए खर्चा किया जा रहा है। इस एम्स में 750 बिस्तर के हॉस्पिटल सहित के अलावा मेडिकल कॉलेज भी होगा जिसमे 100 सीट होगी। इसके अलावा इस एम्स में नर्सिंग कॉलेज व 25 सुपर स्पेशलिटी डिपार्टमेंट्स की ओपीडी भी लगने वाली है।
इस एम्स के निर्माण के बाद में रेवाड़ी जिले के साथ साथ में अटेली क़स्बा, नारनौल, महिंद्रगढ़, चरखी दादरी और राजस्थान के अलवर जिले के मंधन कसबे के साथ साथ में नीमराना और बहरोड़ के लोगों को काफी अधिक लाभ मिलने वाला है। मौजूदा समय में बेतरीन इलाज के लिए लोगों को रोहतक, दिल्ली या फिर जयपुर में जाना पड़ता है जो की काफी दूरी पर होने की वजह से कभी कभी तो मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।