नई दिल्ली. भारत के कई राज्यों में सोयाबीन की बुवाई हो चुकी है और कई जगहों पर अब भी बुवाई होने लग रही है। लेकिन किसान भाइयों को सोयाबीन की खेती करने से पहले सोयाबीन की उन्नत किस्मों के बारे में जरूर ज्ञान होना चाहिए तभी किसान भाई बम्पर पैदावार ले सकते है। इसके अलावा अगर किसान भाइयों को सोयाबीन की किस्मों की अच्छे से जानकारी होगी तो वे अपने खेत की मिटटी और जलवायु के अनुसार किस्म का चुनाव आसानी से कर सकते है। आगे देखिये सोयाबीन की सबसे बेहतरीन पैदावार देने वाली उन्नत किस्मे कौन कौन सी हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी की पुरे भारत के सभी राज्यों की सालाना सोयाबीन की पैदावार करीब 12 मिलियन टन है। पुरे भारत्त में सोयाबीन की खेती सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश, उसके बाद महाराष्ट्र और फिर राजस्थान में होती है। भारत के सालाना कुल सोयाबीन उत्पादन का 45 फीसदी अकेले मध्यप्रदेश में होता है तो वही महाराष्ट्र में करीब 35 फीसदी के आस पास है और बाकि राजस्थान में होता है।
सोयाबीन की उन्नत किस्मे
वैसे तो सोयाबीन में बहुत तरह की किस्मे इस समय मौजूद हैं लेकिन हम आपको सोयाबीन की 10 किस्मों के बारे में यहां बताने जा रहे है जिनसे आप खेती करके बम्पर पैदावार ले सकते हैं। देखिये
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – VS 6124
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – JS 2034
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – PS – 1347
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – प्रतापसोया – 45
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – VL Soya – 59
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – फुले संगम KDS 726
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – MAUS – 612
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – JS 9560
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – बिरसा सफेद सोया – 2
- सोयाबीन की उन्नत किस्म – MACS – 1407
- सोयाबीन में नई किस्म कौन सी है?
सोयाबीन में अभी हाल ही में एक नई किस्म को बाजार में लाया गया है। इस किस्म का नाम है MACS 1407 और ये किस्म पैदावार के मामले में काफी अच्छी बताई जा रही है। कृषि विषेशज्ञों के अनुसार अब आगे आने वाली जो भी नई किस्मे होंगी उन सभी में रोग प्रतिरोधक छमता बहुत अधिक रहा करेगी। इस कारण से फसल में नुकसान काम होगा और पैदावार बढ़ेगी।
राज्य के हिसाब से सोयाबीन की उन्नत किस्मे कौन कौन सी हैं?
भारत में सभी प्रकार की खेती और उसकी किस्मे राज्यों के नौसार अलग अलग होती है। क्योंकि सभी राज्यों की मिटटी और वहां की जलवायु अलग अलग होती है। इसलिए सोयाबीन की खेती में भी कुछ ऐसी तरह से किस्मों का बटवारा राज्यों के हिसाब से किया हुआ है। देखिये यहां –
राजस्थान में सोयाबीन की प्रमुख किस्मे – प्रतापसोया – 45 और JS 2034 तथा JS 9560 किस्मों को राजस्थान में प्रमुख रूप से बोया जाता है।
मध्यप्रदेश में सोयाबीन की प्रमुख किस्मे – JS 20 से लेकर JS 34 और VS 6124, JS 2034 तथा प्रतापसोया – 45 को मध्यप्रदेश और मध्य भारत में प्रमुख रूप से बोया जाता है।
महाराष्ट्र में सोयाबीन की प्रमुख किस्मे – KDS 726, MAUS-612, PS-1347 किस्मो को सबसे ज्यादा बोया जाता है।
सोयाबीन के लिए जलवायु
सोयाबीन की फसल के लिए दोमट मिटटी काफी अच्छी रहती है जिसमे जल्द निकासी का अच्छा प्रबंध होना चाहिए साथ में नम गर्म जलवायु सोयाबीन के लिए ठीक होती है तापमान 26 से 32 डिग्री तक ठीक रहता है सोयाबीन की बुआई मानसून का महीना शुरू होने के करीब की जाती है इसलिए इसमें अधिक सिंचाई की जरुरत नहीं होती है लेकिन मानसून में देरी हो या फिर बारिश कम हो रही हो तो आप इसमें सिंचाई कर सकते है लेकिन सिंचाई के दौरान ध्यान रखते की कही पर जल इक्क्ठा न होने पाए नहीं तो सोयाबीन की फसल में नुकसान होता है