मूंग की खेती दलहनी फसलों के रूप में की जाती है। इसकी फसल को खरीफ की फसल के बाद उगाया जाता है।
मूंग की खेती, सिंचाई, किस्मे, रोग और उनका निवारण
मूंग की खेती, सिंचाई, किस्मे, रोग और उनका निवारण
मूंग की खेती (moong farming) विशेष रूप से राजस्थान में की जाती है। क्योंकि इसकी खेती के लिए राजस्थान की जलवायु सबसे उचित है।
इसके अलावा मूंग की खेती को भारत के कई राज्यों में किया जाता है। जिसमें प्रमुख मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश है।
यह राज्य अधिक मात्रा में मूंग उत्पादित करते हैं। परंतु राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जो मूंग की खेती को लगभग 12 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में करता है।
मूंग में लगभग 50 से 60% कार्बोहाइड्रेट, 26% प्रोटीन और 1.5% वसा की मात्रा पाई जाती है।
मूंग की खेती, सिंचाई, किस्मे, रोग और उनका निवारण
मूंग की खेती, सिंचाई, किस्मे, रोग और उनका निवारण
अधिकतर किसान मूंग की बुवाई मार्च से अप्रैल महीने के मध्य करते हैं। जिन किसानों के खेत में आलू, सरसों आदि की खेती होती है।
मूंग की खेती करने से खेत में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है। जिससे दूसरी फसलों के उत्पादन में भी इजाफा होता है।
इसलिए हमारे किसान भाइयों को मूंग की खेती को वर्ष में एक बार अवश्य करना चाहिए।। किसान मूंग की खेती (moong ki kheti) को सभी प्रकार की मिट्टी में कर सकते है।