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पहलगाम आतंकी हमला: शुभम की पत्नी ने की शहीद का दर्जा देने की मांग, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

कानपुर, 3 मई 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले में अपनी जान गंवाने वाले कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी की पत्नी ने सरकार से अपने पति को शहीद का दर्जा देने की मांग की है। इस हमले में शुभम की जान चली गई थी, और उनकी पत्नी ने सरकार पर सुरक्षा में विफलता का गंभीर आरोप लगाया है।

शुभम की पत्नी ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “हमारी सरकार ने हमें अनाथ छोड़ दिया था। सरकार की नाकामी की वजह से आतंकी हमारे देश में घुस आए। आतंकियों ने हमसे पूछा- हिंदू हो या मुसलमान। जैसे ही हमने हिंदू कहा, उन्होंने शुभम के सिर में गोली मार दी।” यह दर्दनाक घटना 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिसमें शुभम भी शामिल थे।

जानकारी के अनुसार, शुभम और उनकी पत्नी, जो शादी के महज दो महीने बाद पहलगाम घूमने गए थे, उस समय मैगी खा रहे थे जब वर्दीधारी आतंकियों ने उनसे उनकी धार्मिक पहचान पूछी। जवाब न मिलने पर आतंकियों ने शुभम को गोली मार दी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है।

शुभम की पत्नी ने कहा कि वह अभी भी सदमे में हैं और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रही हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा, “मेरे पति की शहादत को सम्मान मिलना चाहिए। सरकार को उन्हें शहीद का दर्जा देना चाहिए और आतंकियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाना चाहिए।”

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों ने गुस्सा जाहिर किया है। एक यूजर ने लिखा, “यह बेहद दुखद है। अपने पति को इस तरह सामने मरते देखना कितना कष्टदायक रहा होगा।” वहीं, एक अन्य यूजर ने सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए कहा, “आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और सख्त कार्रवाई जरूरी है।”

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में इस हमले में मारे गए 26 लोगों को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। याचिकाकर्ता आयुष आहूजा ने मांग की है कि पीड़ितों के सम्मान में उनकी मूर्तियां बनाई जाएं और उनके नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित किए जाएं।

यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वांस भारत के चार दिवसीय दौरे पर थे। हमले में देश के विभिन्न राज्यों के लोग मारे गए, जिनमें महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और अन्य राज्यों के नागरिक शामिल थे। इसके अलावा, एक नेपाली पर्यटक और एक स्थानीय व्यक्ति की भी जान गई।

सरकार की ओर से अभी तक इस मांग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस घटना ने एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ मजबूत सुरक्षा उपायों की जरूरत को रेखांकित किया है।

Saloni Yadav

प्रकृति के साथ में जुड़ाव रखना आज के समय में बहुत जरुरी है क्योंकि इसी से हम है। इसके रखवालों की मदद करने की जिम्मेदारी ली है तो इसको निभाने में चूक नहीं कर सकती। कृषि विषय से स्नातक की और अब घर रहकर ही किसान के लिए कलम उठाई है। उम्मीद है उनके जीवन में कुछ बदलाव जरुरी आयेगा।

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