मुजफ्फरनगर में राकेश टिकैत पर हमला और पगड़ी उछालने की घटना: भड़के किसान नेता, साजिश का लगाया आरोप

मुजफ्फरनगर, 3 मई 2025: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में शुक्रवार को एक आतंकवाद विरोधी रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की और बदसलूकी की घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना में उनकी पगड़ी भी गिर गई, जिसे जाट समुदाय में अपमान का प्रतीक माना जाता है। टिकैत ने इस घटना को साजिश करार देते हुए कुछ राजनीतिक दलों पर निशाना साधा है।

क्या हुआ था घटनास्थल पर?

राकेश टिकैत ने बताया कि वह मुजफ्फरनगर में एक ‘आक्रोश रैली’ में शामिल होने गए थे, जो कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के विरोध में आयोजित की गई थी। इस रैली का आयोजन कुछ दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा किया गया था। टिकैत के मुताबिक, रैली के दौरान कुछ लोग नशे की हालत में थे और उन्होंने उनका रास्ता रोककर धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इस हंगामे के बीच उनकी पगड़ी भी गिर गई। टिकैत ने कहा, “वह लोग वहां खड़े रहे, जैसे किसी खास मकसद से ट्रेनिंग लेकर आए हों।”

टिकैत का बयान: “हमसे बड़ा हिंदू कौन?”

घटना के बाद एक प्रेस वार्ता में राकेश टिकैत ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “कुछ लोग ड्रिंक किए हुए थे और विरोध कर रहे थे। यह सब एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा लगता है। जहां तक हिंदुओं का सवाल है, हमसे बड़ा हिंदू कौन है?” टिकैत ने यह भी आरोप लगाया कि यह हमला उनकी छवि को खराब करने और किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश है।

बीकेयू ने बुलाई आपात पंचायत

इस घटना के बाद बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में एक आपात पंचायत बुलाने की घोषणा की है, जिसमें इस घटना पर चर्चा की जाएगी। नरेश टिकैत ने इसे एक राजनीतिक पार्टी की साजिश करार देते हुए कहा कि इसका मकसद किसानों की आवाज को दबाना है।

सोशल मीडिया पर भी भड़के लोग

घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी इस मुद्दे ने जोर पकड़ लिया। कुछ यूजर्स ने टिकैत के समर्थन में आवाज उठाई, तो कुछ ने उन पर निशाना साधते हुए इसे एक नाटक करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “डकैत ने जानबूझकर अपनी पगड़ी गिराई, क्योंकि इसका फर्जी आंदोलन कमजोर पड़ चुका है।” वहीं, एक अन्य यूजर ने टिकैत पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब दंगे हुए थे, तब ये कहां थे? हर बार जाट कार्ड खेलकर आगे निकल जाते हैं।”

किसान आंदोलन पर क्या होगा असर?

राकेश टिकैत लंबे समय से किसान आंदोलनों का चेहरा रहे हैं। साल 2021 में दिल्ली की सीमाओं पर हुए किसान आंदोलन में उनकी अहम भूमिका थी। इस घटना के बाद बीकेयू ने कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ एक ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की है। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि यह घटना किसानों के बीच एकता को प्रभावित कर सकती है।

पहलगाम हमले का जिक्र

पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले के विरोध में आयोजित रैली में यह घटना हुई, जिसने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया। टिकैत ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि वह देशहित में हमेशा खड़े रहेंगे।

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