मेरठ में पहलगाम हमले के खिलाफ प्रदर्शन, हिंदू युवा वाहिनी ने लगाए विवादित नारे

मेरठ, 03 मई 2025: उत्तर प्रदेश के मेरठ में हिंदू युवा वाहिनी संगठन ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में एक प्रदर्शन आयोजित किया। यह प्रदर्शन 26 अप्रैल को हुआ था, लेकिन इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रदर्शन के दौरान संगठन के सदस्यों ने मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक नारे लगाए, जिससे विवाद खड़ा हो गया है।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को एक भीषण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। मरने वालों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। यह हमला बाइसरण मीडो में हुआ, जो पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थल है। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया और कई संगठनों ने इसके खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की।
प्रदर्शन में क्या हुआ?
हिंदू युवा वाहिनी ने मेरठ में आयोजित अपने प्रदर्शन में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। हालांकि, प्रदर्शन के दौरान संगठन के सदस्यों ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नारे लगाए, जिसमें कहा गया, “मुल्लाओं और काज़ियों का नहीं, यह देश वीर शिवाजी का है।” इन नारों को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सांप्रदायिक और भड़काऊ करार दिया है। प्रदर्शन का एक वीडियो, जिसमें कुछ लोग सफेद कुर्ता पहने नारे लगाते दिख रहे हैं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
प्रदर्शन के वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कुछ लोगों ने इसकी आलोचना करते हुए इसे सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ बताया, जबकि कुछ ने प्रदर्शनकारियों के नारों का समर्थन किया। X पर एक यूजर ने लिखा, “यह नफरती भीड़ जुटाकर भड़काऊ नारेबाजी कर सकती है, लेकिन हमें एकजुट रहना होगा।” वहीं, एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “सही तो कह रहे हैं, इसमें बिदकने की क्या बात है?”
उत्तर प्रदेश के मेरठ में पहलगाम में पर्यटकों की ह”त्या के खिलाफ हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान, प्रतिभागियों ने मुसलमानों को निशाना बनाते हुए नारे लगाए, जिनमें उन्होंने कहा: “मुल्लाओं और काज़ियों का नहीं, यह देश वीर शिवाजी का है।” pic.twitter.com/O4jK0QKpFQ
— The Muslim (@TheIndMuslim) May 3, 2025
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस प्रदर्शन को लेकर स्थानीय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि इस तरह के भड़काऊ नारों पर प्रशासन ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। मेरठ के कुछ निवासियों ने मांग की है कि इस मामले की जांच हो और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं।
सांप्रदायिक सौहार्द पर प्रभाव
पहलगाम हमले के बाद देश भर में एकजुटता और शांति की अपील की जा रही थी, लेकिन मेरठ में हुए इस प्रदर्शन ने सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने का काम किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं सामाजिक एकता को कमजोर करती हैं और समाज में विभाजन पैदा करती हैं।
मेरठ में हिंदू युवा वाहिनी का प्रदर्शन और उस दौरान लगाए गए नारे एक बार फिर सांप्रदायिक सद्भाव की चुनौतियों को उजागर करते हैं। ऐसे समय में जब देश एक बड़े आतंकी हमले के दुख से उबर रहा है, समाज के सभी वर्गों को एकजुट होकर शांति और सद्भाव का संदेश देना चाहिए। प्रशासन से भी अपेक्षा है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।