RBI ने रेपो रेट में की 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा

Manoj kumar

Written by Manoj kumar

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मुंबई, 06 जून 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए रेपो रेट (Repo Rate) में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कर दी है। इस फैसले के बाद अब रेपो रेट 5.50% हो गया है। यह कटौती अर्थव्यवस्था को गति देने और कर्ज को सस्ता करने के उद्देश्य से की गई है। इस फैसले से आम लोगों को सस्ते लोन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है, साथ ही कारोबारियों को भी राहत मिलने की संभावना है।

रेपो रेट में कटौती का क्या है मतलब?

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट में कटौती होती है, तो बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाता है। इसके बाद बैंक भी अपने ग्राहकों को सस्ते कर्ज की पेशकश करते हैं। इस बार 50 बेसिस पॉइंट्स (Basis Points) की कटौती के बाद बैंकों से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसी सुविधाएं सस्ती होने की उम्मीद है। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा, क्योंकि उनकी मासिक किस्त (EMI) कम हो सकती है।

अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?

यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब देश की अर्थव्यवस्था में स्थिरता देखी जा रही है। हाल के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में भारत की जीडीपी (GDP) ग्रोथ 7.4% रही है। रेपो रेट में कटौती से रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल और छोटे-मध्यम उद्योगों (SMEs) को बढ़ावा मिलेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सस्ते कर्ज से निवेश बढ़ेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इसके अलावा, यह कटौती मुद्रास्फीति (Inflation) को नियंत्रित रखने में भी मदद करेगी, क्योंकि यह अभी रिजर्व बैंक के लक्ष्य के दायरे में है।

पहले भी हो चुकी है रेपो रेट में कटौती

इस साल की शुरुआत से ही रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कमी करने की नीति अपनाई है। फरवरी 2025 में 25 बेसिस पॉइंट्स और अप्रैल 2025 में भी 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की गई थी। इस तरह यह तीसरी बार है, जब रेपो रेट में कमी की गई है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच यह फैसला भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। रिजर्व बैंक का यह कदम उन नीतियों का हिस्सा है, जो विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने पर केंद्रित हैं।

50 लाख के लोन पर कितनी घटेगी EMI?

मान लीजिए आपने किसी बैंक से 50 लाख रुपये का होम लोन 30 साल की अवधि के लिए लिया है। अगर लोन पर ब्याज दर (Interest Rate) 9% थी, तो आपकी मासिक किस्त (EMI) करीब 40,231 रुपये होती। अब रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद अगर ब्याज दर 8.5% हो जाती है, तो आपकी EMI घटकर लगभग 38,478 रुपये हो जाएगी। यानी हर महीने आपको 1,753 रुपये की बचत होगी। 30 साल की पूरी अवधि में यह बचत करीब 6.31 लाख रुपये तक हो सकती है। यह गणना फ्लोटिंग रेट लोन पर लागू होती है, जो रेपो रेट से सीधे प्रभावित होते हैं।

आम लोगों को मिलेगी राहत

रेपो रेट में कटौती का सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जो लोन लेने की योजना बना रहे हैं। सस्ते कर्ज से घर खरीदना आसान होगा, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आने की उम्मीद है। इसके अलावा, छोटे कारोबारियों को भी सस्ते कर्ज का लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकेंगे। रिजर्व बैंक ने यह भी साफ किया है कि वह वैश्विक आर्थिक हालात पर नजर रखेगा और जरूरत पड़ने पर भविष्य में भी ऐसे कदम उठाएगा।

Manoj kumar

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