नई दिल्ली: भारत ने क्वांटम टेक्नोलॉजी (Quantum Technology) के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने अगले 8 सालों में इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए 6000 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया है. इसकी जानकारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी गई जिसमें बताया गया कि यह कदम नेशनल क्वांटम मिशन (National Quantum Mission) को और मजबूत करेगा. इस मिशन का लक्ष्य क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing) को बढ़ावा देना और भारत को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाना है.
भारत की QUANTUM टेक्नोलॉजी की नई उड़ान
-अगले 8 वर्षों में अनुसंधान और विकास के लिए 6000 करोड़ रुपये का आवंटन #11YearsOfDigitalIndia pic.twitter.com/Yum5tPY03z
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) June 12, 2025
8 साल में क्वांटम कंप्यूटर का होगा विकास
इस योजना के तहत अगले 8 सालों में मध्यम आकार के क्वांटम कंप्यूटर (Quantum Computer) को विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें 50 से 1000 भौतिक क्यूबिट्स (Qubits) वाले कंप्यूटर बनाने पर ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए सुपरकंडक्टिंग (Superconducting) और फोटोनिक टेक्नोलॉजी (Photonic Technology) जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाएगा. इस मिशन से ना सिर्फ तकनीकी क्षेत्र में प्रगति होगी बल्कि डिजिटल इंडिया (Digital India) जैसे राष्ट्रीय अभियानों को भी मजबूती मिलेगी.
सुरक्षित संचार के लिए क्वांटम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
क्वांटम टेक्नोलॉजी (Quantum Technology) का एक बड़ा फायदा सुरक्षित संचार (Secure Communication) में देखा जा रहा है. इस मिशन के तहत सैटेलाइट आधारित क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (Quantum Key Distribution) को विकसित करने की योजना है. इससे डेटा ट्रांसफर को और सुरक्षित बनाया जा सकेगा. साथ ही सिंगल फोटोन सोर्स (Single Photon Source) और डिटेक्टर जैसे उपकरणों पर भी काम होगा जो क्वांटम संचार (Quantum Communication) को और बेहतर बनाएंगे.
सुपरकंडक्टर्स से क्वांटम सामग्री का डिज़ाइन
इस मिशन में सुपरकंडक्टर्स (Superconductors) और नई सेमीकंडक्टर संरचनाओं (Semiconductor Structures) के डिज़ाइन पर भी जोर दिया जा रहा है. ये तकनीक क्वांटम डिवाइस (Quantum Device) बनाने में मदद करेगी. सरकार का मानना है कि इससे भारत क्वांटम टेक्नोलॉजी (Quantum Technology) के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकेगा. इस मिशन से ना सिर्फ तकनीकी प्रगति होगी बल्कि स्वास्थ्य, वित्त और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में भी इसका इस्तेमाल होगा.