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PM Fasal Bima Scheme: सरकार का बड़ा फैसला, 23 करोड़ किसानों को फसल बिमा जारी

फसल बिमा योजना के तहत सरकार की तरफ से देश के किसानो को 100 रूपए की बिमा प्रीमियम के बदले में 500 रूपए का भुगतान किया गया है। अभी हाल ही में सरकार की तरफ से एक बार फिर से देश के लोगों को फसल बिमा की राशि देने की तयारी चल रही है

PM Fasal Bima Scheme – सरकार की तरफ से किसानो की फसल के बर्बाद होने के बाद में उनको बिमा की राशि जारी की जाती है। इससे किसानों को मौसम की मर के चलते होने वाले नुक्सान की भरपाई हो जाती है। सरकार की तरफ से पिछले 8 सालों के दौरान देश के किसानों को 23 करोड़ रूपए की राशि जारी की है जो की फसल बिमा योजना के तहत किसानों को मिली है।

फसल बिमा योजना के तहत सरकार की तरफ से देश के किसानो को 100 रूपए की बिमा प्रीमियम के बदले में 500 रूपए का भुगतान किया गया है। अभी हाल ही में सरकार की तरफ से एक बार फिर से देश के लोगों को फसल बिमा की राशि देने की तयारी चल रही है और जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई है उन सभी को सरकार की तरफ से बिमा के तहत मोटा पैसा दिया जाना है।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बढ़ी किसानों की संख्या

पिछले कुछ सालों का रिकॉर्ड देखा जाए तो मौजूदा समय में किसानो की संख्या काफी बढ़ चुकी है। शुरुआत में जो लोग प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थी थे उनके मुकाबले में अब किसानो की संख्या में काफी अधिक इजाफा देखने को मिल रहा है। 2023-24 में किसानो की संख्या में लगभग 27 फीसदी तक का इजाफा हो चूका है। 2022-23 के दौरान की बात करें तो उसमे भी 2021-22 के मुकाबले में 41 फीसदी तक की बढ़ौतरी हुई थी।

किसानो को करवाना होता है फसल बिमा

देश के किसानो को अपनी फसल का बिमा करवाना होता है ताकि अगर बारिश या फिर सूखे के चलते उनकी फसल बर्बाद होती है तो सरकार की तरफ से उनको ख़राब फसल के बदले में क्लेम की राशि दी जाती है। इससे किसानों को हालाँकि उपज के बराबर लाभ तो नहीं होता लेकिन उनके द्वारा फसल में लगाए गए पैसे की वसूली आसानी से हो जाती है।

सरकार की तरफ से अलग अलग फसलों पर अलग अलग बिमा राशि का भुगतान किया जाता है जैसे गेहूं की फसल पर अलग से बिमा राशि का भुगतान करने का प्रावधान है तो वहीँ बाजरे की फसल पर अलग राशि का भुगतान होता है। सरकार की तरफ से इस राशि को बाजार भाव के तहत निर्धारित किया जाता है और ये सभी किसानों को एक समान रूप से दी जाती है। किसी किसान का कम नुकसान है या किसी किसान का ज्यादा नुकसान है इससे बिमा की राशि पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है।

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