सावन 2025 का पहला सोमवार: भोलेनाथ की कृपा पाने का खास मौका! जाने कैसे करें पूजा
14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है, जो इस बार गजानन संकष्टी चतुर्थी के साथ आने से और भी खास हो गया है। आयुष्मान योग और शतभिषा नक्षत्र जैसे शुभ संयोगों के बीच भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन साधारण विधि से जलाभिषेक और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करके आप भोलेनाथ का आशीर्वाद पा सकते हैं। यह दिन अविवाहितों के लिए मनचाहा जीवनसाथी पाने और जीवन से कष्टों को दूर करने के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।

रेवाड़ी (हरियाणा), 13 जुलाई 2025: सावन का पवित्र महीना शुरू हो चुका है और कल यानी 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए बेहद खास माना जाता है। इस बार सावन 11 जुलाई से शुरू हुआ और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ खत्म होगा। इस महीने में चार सोमवार पड़ रहे हैं और पहला सोमवार खास शुभ योगों के साथ आ रहा है। आइए जानते हैं इस खास दिन की पूजा और मान्यताओं के बारे में।
सावन का पहला सोमवार क्यों है खास?
14 जुलाई को पड़ने वाला सावन का पहला सोमवार गजानन संकष्टी चतुर्थी के साथ आ रहा है। इस दिन आयुष्मान योग और शतभिषा नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है। पंडित विजयानंद शास्त्री के अनुसार, इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक और व्रत करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो सकते हैं। खासकर अविवाहित लड़कियों के लिए ये व्रत मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए बहुत फलदायी माना जाता है।
सावन के पहले सोमवार में कैसे करें पूजा?
सावन सोमवार की पूजा का तरीका बेहद आसान है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:16 से 5:04 बजे) में स्नान करके साफ कपड़े पहनें। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, और बेलपत्र चढ़ाएं। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें। पूजा में धूप, दीप और फूल जरूर शामिल करें। पंडितों का कहना है कि सावन में बेलपत्र और गंगाजल भगवान शिव को सबसे प्रिय हैं।
14 जुलाई 2025 को पूजा के लिए शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:11 से 04:52 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 से दोपहर 12:55 बजे तक
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02:45 से 03:40 बजे तक
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:20 से 07:40 बजे तक
सावन में कांवड़ यात्रा की धूम मची हुई है
सावन का महीना कांवड़ यात्रा के बिना अधूरा है। इस बार हरिद्वार और गंगोत्री से लाखों भक्त गंगाजल लेकर भोलेनाथ को चढ़ाने के लिए निकल पड़े हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। इसके अलावा राजस्थान, हरियाणा से भी लाखों की संख्या में कावड़िए कांवड़ लेने आए है। हालांकि 7 मीटर से ऊंची कांवड़ पर रोक है और बिना परिचय पत्र के हरिद्वार में प्रवेश नहीं मिलेगा। इसके अलावा कुछ जगहों पर अगर आप कांवड़ यात्रियों के लिए शिविर का आयोजन कर रहे है तो ध्यान रहे कि आपको स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ सकती है।
सावन के महीने में क्या करें ओर क्या न करें?
सावन में शाकाहारी भोजन करें और तामसिक चीजों जैसे लहसुन, प्याज, कढ़ी और मांस से दूर रहें। दूध या उससे बनी चीजों का दान करना शुभ माना जाता है। साथ ही व्रत के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।सावन का पहला सोमवार भोलेनाथ की कृपा पाने का सुनहरा मौका है इसलिए सभी भक्तों को ये मौका नहीं गंवाना है।
नोट: एनएफएल स्पाइस के इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। किसी भी पूजा या उपाय से पहले विशेषज्ञ से या फिर अपने पंडित जी की सलाह जरूर लें।