Gujrat

अहमदाबाद में अवैध बस्ती का भंडाफोड़: लल्ला उर्फ मुहम्मद अख्तर का काला कारोबार, भिखारियों से भी करता था वसूली

अहमदाबाद, 04 मई 2025: गुजरात के अहमदाबाद में अवैध बस्तियों और भिखारियों के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। इस रैकेट का मास्टरमाइंड लल्ला उर्फ मुहम्मद अख्तर ने न केवल हजारों बांग्लादेशियों को फर्जी दस्तावेज देकर भारत में बसाया, बल्कि भिखारियों से वसूली कर करोड़ों की संपत्ति भी बनाई। गुजरात सरकार ने इस अवैध नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई करते हुए 2,000 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियों को ढहा दिया है।

फर्जी दस्तावेजों का धंधा धड़ल्ले से चल रहा था

लल्ला ने चंदोला झील के आसपास अवैध बस्तियां बनाकर हजारों बांग्लादेशियों को बसाया। उसने भारतीय नागरिकता के लिए 1 लाख रुपये, आधार कार्ड के लिए 25,000 रुपये और पैन कार्ड के लिए 5,000 रुपये वसूले। 1984 से शुरू हुए इस धंधे में उसने बस्तियों से हर महीने 5,000 रुपये प्रति व्यक्ति किराया भी लिया, बिना किसी दस्तावेज या रिकॉर्ड के।

भिखारियों से वसूली भी करता था

लल्ला का काला कारोबार यहीं नहीं रुका। उसने 2,000 भिखारियों का एक नेटवर्क बनाया और प्रत्येक भिखारी से रोजाना 500 रुपये की वसूली की। इस रैकेट के जरिए उसने अहमदाबाद में फ्लैट और फार्महाउस सहित करोड़ों की संपत्ति अर्जित की थी।

गुजरात सरकार ने लिया बड़ा एक्शन

चंदोला झील क्षेत्र में अवैध बस्तियों को ढहाने के लिए गुजरात सरकार ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। अहमदाबाद नगर निगम और स्थानीय पुलिस ने मिलकर 2,000 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ दिया। यह कार्रवाई राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई, क्योंकि इस नेटवर्क को देश के लिए खतरा माना जा रहा था।

लल्ला का यह नेटवर्क न केवल अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे रैकेट देश भर में फैले हो सकते हैं, जिसके लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की जरूरत है।

Saloni Yadav

प्रकृति के साथ में जुड़ाव रखना आज के समय में बहुत जरुरी है क्योंकि इसी से हम है। इसके रखवालों की मदद करने की जिम्मेदारी ली है तो इसको निभाने में चूक नहीं कर सकती। कृषि विषय से स्नातक की और अब घर रहकर ही किसान के लिए कलम उठाई है। उम्मीद है उनके जीवन में कुछ बदलाव जरुरी आयेगा।

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