सावन में कढ़ी: क्यों है मनाही, जाने इसकी असल वजह
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान सात्विक भोजन को प्राथमिकता दी जाती है। सात्विक भोजन यानी हल्का, शुद्ध और आसानी से पचने वाला खाना। कढ़ी दही और बेसन से बनती है ओर इसको धार्मिक रूप से तामसिक माना जाता है

आप सभी जानते है कि सावन का महीना शुरू हो चुका है और भगवान शिव के भक्त इस पवित्र समय में पूजा-पाठ और व्रत के साथ खानपान के नियमों का भी खास ध्यान रखते हैं। इसके अलावा कांवड़ यात्रा भी शुरू हो चुकी है ओर दूर दूर से लोग गंगाजल लेजाकर भगवान शिव को अर्पित कर रहे है। सावन के महीने में कई प्रतिबंध भी होते है जिनमें एक कढ़ी नहीं खाना भी है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि सावन में कढ़ी खाने की मनाही क्यों है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दादी-नानी की सलाह के पीछे सिर्फ धार्मिक कारण ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक वजहें भी छिपी हैं। आइए इस खबर में जानते हैं कि क्यों सावन में कढ़ी से परहेज करना चाहिए ओर इसके पीछे का सच क्या है?
सावन में कढ़ी – धार्मिक मान्यता ये है
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान सात्विक भोजन को प्राथमिकता दी जाती है। सात्विक भोजन यानी हल्का, शुद्ध और आसानी से पचने वाला खाना। कढ़ी दही और बेसन से बनती है ओर इसको धार्मिक रूप से तामसिक माना जाता है।
ऐसा इसलिए क्योंकि कढ़ी हमारे शरीर में भारीपन और सुस्ती ला सकती है जिसके चलते व्रत और पूजा की शुद्धता प्रभावित हो सकती है। कई लोग मानते हैं कि कढ़ी और दही जैसे खट्टे पदार्थ भगवान शिव को अर्पित नहीं किए जाते इसलिए इन्हें खाने से भी बचा जाता है।
सावन ने कढ़ी – वैज्ञानिक कारण ये है
सावन में बारिश के कारण हवा में नमी बढ़ जाती है जिससे बैक्टीरिया और कीटाणुओं का खतरा बढ़ता है। आयुर्वेद के अनुसार इस मौसमी बदलाव में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। दही और बेसन से बनने वाली कढ़ी पचाने में भारी होती है और अगर ठीक से न पकाई जाए तो पेट फूलने, गैस या एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है।
बारिश के मौसम में दही जल्दी खराब भी हो सकता है जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा रहता है। यही सब कारण है कि कढ़ी को सावन में खाने से बचना चाहिए।
सावन महीने में खाने को लेकर आयुर्वेद की सलाह
आयुर्वेद में सावन के लिए हल्के और सुपाच्य खाने की सलाह दी जाती है जैसे खिचड़ी, मूंग दाल या फल। कढ़ी और साग जैसे भोजन पचाने में मुश्किल हो सकते हैं खासकर जब मौसम नम और ठंडा हो। इस मौसम में ताजा और गर्म खाना खाने से पेट की सेहत बनी रहती है।
वैसे सावन में सेंधा नमक से बने व्यंजन, मखाने की खीर, उबले आलू की चाट या साबुदाने की खिचड़ी जैसे हल्के व्यंजन खाएं। ये न सिर्फ स्वादिष्ट हैं बल्कि आपके पेट को भी हल्का रखेंगे।