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लंगड़ा बुखार – गाय भैंसों के लिये जानलेवा घातक बीमारी, ये हैं इसके लक्षण ओर बचाव के तरीके

Written By Vinod Yadav
Langda Bukhar Ke Lakshan or Bachav Ka Tarika
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पशुपालन करने वाले भाइयों को हर समय किसी ना किसी परेशानी का सामना हर समय होता रहता है। कभी पशु दूध कम देता है तो कभी पशु बीमार हो जाता है। ऐसे में किसान भाइयों ओर पशुपालकों को बहुत अधिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। गाय और भैंसों में आने वाले कुछ रोग तो ऐसे है जो पशु की जान तक ले लेते हैं। आज के इस आर्टिकल में आपको गाय और भैंसों में होने वाले ऐसे ही एक रोग के बारे में जानकारी देने जा रहे है जिसकी अगर समय रहते पहचान ना कि जाये ओर इलाज ना दिया जाये तो आपके पशु की जान भी जा सकती है।

अलग अलग नामों से जाना जाता है

जिस रोग की बात हम आज करने वाले है उसका नाम है लंगड़ा बुखार। इसको देश के अलग अलग हिस्सों में कई नामों से जाना जाता है। ब्लैक क्वार्टर रोग, कृष्णजंघा रोग, लंगड़िया रोग, जहरबाद रोग, एकटंगा रोग, आदि इसके प्रमुख नाम है। ये रोग उतना खतरनाक है कि केवल 24 घंटे में ही पशु की जान ले सकता है। इसलिये इस रोग के बारे में सभी पशुपालन करने वाले भाइयों को पता होना बहुत जरूरी है।

पशुओं में होने वाले लंगड़ा बुखार के लक्षण

लंगड़ा बुखार से ग्रसित पशु के शरीर का तापमान अचानक से बढ़ने लगता है और पशुओं के पैरों के साथ साथ उसके पूरे शरीर मे आपको सूजन दिखाई देने लगेगा। इसके दर्द के कारण पशु सही से चल भी नही पाता और लंगड़ाने लगता है इस कारण से ही इस बुखार को लंगड़ा बुखार का नाम दिया गया है।

इस लंगड़ा बुखार से ग्रसित पशु चरना बंद कर देता है और शरीर मे आई कमजोरी के कारण खड़ा नही हो पाता। सूजन वाले भागों में कुछ समय पश्चात सड़ने जैसी दुर्गंध महसूस होने लगती है। सूजन वाली जगह को दबाने पर आपको चर्र चर्र की आवाज महसूस होने लगेगी।

लंगड़ा बुखार से पशुओं का बचाव

लंगड़ा बुखार से अपने पशुओं को बचाने के लिये सभी पशुपालन करने वाले भाइयों को अपने पशु के बांधने के स्थान की समय समय पर अच्छे से सफाई पर ध्यान देना है। इसके साथ ही जिस भी पशु में ये रोग हो जाता है उसको बाकी पशुओं से अलग कर देब चाहिये। पशु में लक्षण नजर आने पर तुरंत पशु चिकित्सक को बुलाना चाहिये ताकि पशु को समय रहते सही उपचार मिल सके।

डॉक्टर को तुरंत बुलाये

लंगड़ा बुख़ार से अपने पशुओ को बचाने के लिये अपने पशु को शुरू में ही जब वह 4 से 5 महीने जा हो तब से 3 से 4 वर्ष तक नियमित टीका लगवाना चाहिये। इससे पशु में लंगड़ा बुखार होने की संभावना कम हो जाती है। आप सभी पशुपालन करने वाले भाइयों के लिये ये बात बताना भी जरूरी है कि अगर आपको आपके पशु में लंगड़ा बुख़ार के लक्षण नजर आ रहे है तो आपको घर पर ईलाज करने की कोशिश नही करनी है बल्कि पशु चिकित्सक को तुरंत बुलाना है।

डिस्क्लेमर: वेबसाइट पर दी गई बिज़नेस, बैंकिंग और अन्य योजनाओं की जानकारी केवल आपके ज्ञान को बढ़ाने मात्र के लिए है और ये किसी भी प्रकार से निवेश की सलाह नहीं है। कोई भी निवेश करने से पहले आप अपने सलाहकार से सलाह जरूर करें। बाजार के जोखिमों के अधिक योजनाओं में निवेश करने से वित्तीय घाटा हो सकता है।

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Vinod Yadav

I am Vinod Yadav, and I have been involved in news content writing for the past four years. Since May 2023, I have been associated with nflspice.com, where I have been consistently working on delivering news content. News writing is an art, and the most important aspect of this art is the ability to convey news accurately. I am constantly striving to refine this skill and enhance my writing.

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