7 मई को 244 जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल, गृह मंत्रालय ने राज्यों को दिए निर्देश

नई दिल्ली 06 मई 2025: गृह मंत्रालय (एमएचए) ने देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई, 2025 को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह अभ्यास देश के 244 जिलों में आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य संभावित आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना है। यह कदम हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद क्षेत्रीय तनावों को देखते हुए उठाया गया है।
क्या है मॉक ड्रिल का मकसद?
गृह मंत्रालय के एक आधिकारिक पत्र के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य सिविल डिफेंस तंत्र की प्रभावशीलता को परखना और आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस अभ्यास में निम्नलिखित गतिविधियां शामिल होंगी:
- एयर रेड वार्निंग सायरन का संचालन: भारतीय वायु सेना के साथ हॉटलाइन/रेडियो संचार लिंक की कार्यक्षमता को जांचा जाएगा।
- नागरिकों और छात्रों को प्रशिक्षण: लोगों को शत्रु हमले की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- ब्लैकआउट उपाय: क्रैश ब्लैकआउट प्रावधानों को लागू किया जाएगा।
- महत्वपूर्ण संयंत्रों का छिपाव: संवेदनशील प्रतिष्ठानों को जल्दी छिपाने (कैमोफ्लाज) की प्रक्रिया का अभ्यास होगा।
- निकासी योजना का रिहर्सल: निकासी योजना को अपडेट करने और उसका अभ्यास करने पर जोर दिया जाएगा।
इसके अलावा, वार्डन सेवाओं, अग्निशमन, बचाव कार्य और बंकरों की सफाई जैसे पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाएगा।




पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी इस स्थिति पर बंद कमरे में चर्चा कर चुकी है, जिसमें दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की गई है।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को पत्र लिखकर इस अभ्यास में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा है। पत्र में यह भी अनुरोध किया गया है कि सिविल डिफेंस के निदेशक इस अभ्यास का आयोजन करें और इसकी विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द मंत्रालय को सौंपें। इस अभ्यास में जिला प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, स्वयंसेवक, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, एनवायकेस और स्कूल-कॉलेज के छात्रों को शामिल करने का निर्देश दिया गया है।
गृह मंत्रालय की अपील
गृह मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक (सिविल डिफेंस) संदीप कृष्णन बी. ने अपने पत्र में जोर देकर कहा है कि इस अभ्यास को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाए। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करने और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की अपील की है।
यह पहली बार है जब भारत में इतने बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। गृह मंत्रालय का मानना है कि यह अभ्यास न केवल नागरिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा, बल्कि आम लोगों में भी आपात स्थिति से निपटने की जागरूकता बढ़ाएगा।