Ekchokho.com 🇮🇳

दो बच्चो से ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सरकार का बड़ा फैसला

Published on:

You will not get a government job if you have more than two children, a big decision of the government.
Follow Us

सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है जिसमे कहा जा रहा है की जिस तरफ से पंचायत में चुनाव लड़ने के लिए दो बच्चों वालों को ही अनुमति है और अधिक बच्चे वालों को चुनाव लगने की अनुमति नहीं है ठीक उसी तरह से सरकारी नौकरी में भी दो बच्चो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी। सरकार के इस नयम पर अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी मुहर लग दी गई है।

खबर राजस्थान से आ रही है जहाँ पर अब प्रदेश में किसी के दो बच्चों से अधिक बच्चे होने पर उनको सरकारी नौकरी का लाभ नहीं दिया जाएगा और वे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र घोषित कर दिए जायेंगे। सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसला के बाद में ये उन लोगों के लिए एक बड़ा झटका है जिनको दो बच्चो से अधिक बच्चे है और वे आज भी सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे है।

क्या है पूरा मामला

प्रदेश की सरकार के द्वारा लागु किये गए इस नियम में अब केवल दो या दो से कम बच्चे वालों को ही सरकारी नौकरी का लाभ दिया जाएगा। राजस्थान का एक सैनिक जिसका नाम रामलाल है सेना से साल 2017 में रिटायर हुए और उन्होंने राजस्थान पुलिस में नौकरी के लिए आवेदन किया था। रामलाल राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती होना चाहते थे।

लेकिन उनको भर्ती के लिए अयोग्य घोषित कर दिया और उनको अधिक बच्चे होने के चलते राजस्थान पुलिस में नौकरी पर नहीं लिया गया। रामलाल इसको लेकर कोर्ट चले गए और कोर्ट से भी उनको निराशा ही हाथ लगी। रामलाल की तरफ से दायर याचिका को जजों की टीम के ख़ारिज कर दिया।

हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से साफ मना कर दिया

आपको बता दें की राजस्थान में राजस्थान विभिन्न सेवा (संसोधन) नियम, 2001 के तहत ये प्रावधान किया गया है की दो से अधिक बच्चे होने के बाद में आपको सरकारी नौकरी का लाभ नहीं दिया जा सकता। 1 जून 2002 को या उसके बाद में कोई भी उम्मीदवार जिसके अधिक बच्चे है वे सरकारी नौकरी के लिए अपना आवेदन नहीं कर सकते। रामलाल ने हाई कोर्ट में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी लेकिन हाई कोर्ट ने भी इस मसले में कोई भी हस्तक्षेप करने से साफ मना कर दिया गया है।

कोर्ट की तरफ से इस मामले कोलेकर कहा गया ही राज्य में पहले से ही पंचायत के चुनाव में इस तरफ का प्रावधान मौजूद है और ये इसलिए किया गया है ताकि जनसंख्या और परिवार नियोजन को बढ़ावा दिया जा सके। हाई कोर्ट ने इसको ख़ारिज कर दिया और हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी 2003 में जावेद और अन्य बनाम हरियाणा राज्य वाले मामले में इसको बरकरार रखा था।

X