देश में इस समय करोड़ों ऐसे कर्मचारी है जो की प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे है और हर महीने उनके वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में योगदान होता है। कर्मचारियों को अभी तक अगर अपने पीएफ का पैसा निकलना होता था तो इसके लिए फॉर्म भरना होता था और अप्रूवल मिलने के बाद में पैसा उनके बैंक खाते में ईपीएस की तरफ से भेजा जाता है। लेकिन इसमें सरकार की तरफ से बड़ा बदलाव किया जा रहा है और अब जल्द ही सभी कर्मचारी अपने पीएफ के पैसे को ATM के जरिये या फिर UPI के जरिये ले पायेंगे।
श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने हाल ही में ANI को दिए अपने एक इंटरव्यू में बताया है की यह सुविधा जुलाई 2025 तक लागू होने की उम्मीद है। इससे देश भर के करोड़ों PF सदस्यों को लाभ मिलेगा और वे सभी अपने पैसे को तुरंत ATM से या फिर UPI के जरिये प्राप्त कर सकेंगे। इसके साथ ही ई-केवाईसी और डिजिटल सिग्नेचर के जरिए फंड से जुड़ी प्रक्रियाएं और आसान होने जा रही है जिससे भी सभी कर्मचारियों को काफी अधिक लाभ मिलने वाला है।
ई-केवाईसी के जरिये तेज होगी पहचान की प्रक्रिया
EPFO अब आधार-आधारित ई-केवाईसी को पूरी तरह से लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसके जरिए सदस्यों को अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अधिकारी ने बताया कि यह सिस्टम ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप के जरिए काम करेगा। इससे नए सदस्यों का रजिस्ट्रेशन और पुराने रिकॉर्ड का अपडेट करना बेहद आसान हो जाएगा।
तकनीक के इस्तेमाल से कागजी झंझट होगा अब खत्म
आपको बता दें की नई सुविधा के तहत PF से जुड़े दस्तावेजों को डिजिटल सिग्नेचर के जरिए मंजूरी दी जा सकेगी। चाहे आपको क्लेम सबमिट करना हो या अपने फंड ट्रांसफर करना अब कागजी फॉर्म भरने और हस्ताक्षर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह कदम न केवल आपका बहुत सारा समय बचाएगा बल्कि इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित भी बनाएगा।
EPFO ने हाल के वर्षों में तकनीक को अपनाकर अपनी सेवाओं में बड़ा बदलाव किया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए अब तक 80% से ज्यादा प्रक्रियाएं ऑनलाइन हो चुकी हैं। डावरा के मुताबिक ई-केवाईसी और डिजिटल सिग्नेचर के लागू होने से यह आंकड़ा 95% तक पहुंच सकता है। इससे क्लेम सेटलमेंट का समय और कम होकर महज 2 दिन रह जाएगा।
छोटी कंपनियों और उनके कर्मचारियों को अधिक फायदा मिलेगा
यह नई व्यवस्था खास तौर पर छोटे व्यवसायों और उनके कर्मचारियों के लिए वरदान साबित होगी। अब तक कागजी प्रक्रियाओं की जटिलता के कारण कई छोटे उद्यमी और कर्मचारी PF की सुविधाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पाते थे। डिजिटल सिस्टम लागू होने से उनकी मुश्किलें कम होंगी और वे आसानी से अपने हक का पैसा हासिल कर सकेंगे। बहुत सारे कर्मचारी तो ऐसे है जिनको अभी तक यही नहीं पता रहता था की वे अपना पीएफ का पैसा कैसे निकालेंगे इसलिए इस नई सुविधा से उनको भी लाभ मिलेगा।
पीएफ में हर महीने होती है इतनी राशि जमा
कर्मचारी भविष्य निधि (EPF या PF) में हर महीने जमा होने वाली राशि कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (DA) पर निर्भर करती है। मौजूदा समय में जो भारत सरकार ने नियम बनाये है उनके अनुसार कर्मचारी की बेसिक सैलरी और DA का 12% हर महीने PF खाते में जमा होता है और नियोक्ता भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी और DA का 12% योगदान देता है। लेकिन जो नियोक्ता का योगदान होता है उसमे से 3.67% कर्मचारी के PF खाते में जाता है तथा 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है।