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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला अब हर पंचायत को मिलेगी पैक्स की सेवाएं

भारत के केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बीते बुधवार को पांच साल से पहले 2 लाख प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) बनाने का लक्ष्य तय किया है l उन्होंने जमीनी स्तर पर 10 हजार नई समितियों के शुभारंभ करने की घोषणा की है l
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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला अब हर पंचायत को मिलेगी पैक्स की सेवाएं
गरीब किसान और मजदूरों के लिए सरकार समय-समय पर योजनाएं लेकर आती रहती है l इन सभी योजनाओं का एक ही लक्ष्य होता है आर्थिक स्थिति को मजबूत करना व उन्हें नई दिशा प्रदान करना। इसी कड़ी में भारत के केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बीते बुधवार को पांच साल से पहले 2 लाख प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) बनाने का लक्ष्य तय किया है l उन्होंने जमीनी स्तर पर 10 हजार नई समितियों के शुभारंभ करने की घोषणा की है l 

पैक्स में किस तरह की सुविधाएं मिलेगी?

आपको बता दे कि पैक्स के शुभारंभ अवसर पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने पांच साल में 2 लाख PACS बनाने का लक्ष्य रखा है l हम इन्हे पांच साल से पहले 2 साल में बना देंगे, साथ ही तीन महीनों में हम 10,000 से अधिक नए M-PACS बनाने में सक्षम हुए हैं l जानकारी के मुताबिक यह समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी l वर्तमान मे पैक्स के जरिए 24 तरह की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं, हालांकि ये सुविधाएं समय के साथ -साथ और भी बढ़ाई जाएगी।वही किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और माइक्रो ATM भी सौंपे जा रहे है l 

वैश्विक बाजारों तक होगी पहुंच 

जानकारी के अनुसार बीते 19 सितंबर तक 10,000 PACS का रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है l इसके साथ ही जैसे ही ये आंकड़ा 2 लाख तक जायेगा तो एक मजबूत फोरवार्ड लिंकेज की तरह काम करेगा l इसका सीधा फायदा अन्नदाता को मिलेगा।किसानों को अपनी उपज को वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने में सुविधा मिलेगी l इसके अलावा,नए मॉडल उपनियमों को अपनाने से महिलाओं, दलितों, पिछड़े समुदायों और आदिवासियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी, सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक सद्भाव बढ़ेगा l 

सभी राज्यों मे बनेगी समितियां 

इसके अलावा आपको बता दे कि राज्य सरकारें भी लगभग 25,000 नई सहकारी समितियां बनाएंगी l  15,000 गांवों में नई समितियों की स्थापना करने के लिए सक्षम बनाया जायेगा l वही वर्तमान मानदंडों के तहत, एक ही क्षेत्राधिकार में दूसरा पैक्स स्थापित नहीं किया जा सकता है जहां पहले से मौजूद है, जब तक कि इसे बंद घोषित नहीं किया जाता है l 

महिलाओ को मिलेगी मजबूती

आपको बता दे कि महिला-नेतृत्व वाली सभी पंचायतों को मजबूत बनाने पर जोर दिया जायेगा l वही सहकारिता क्षेत्र भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के वित्तीय समावेशन, ग्रामीण कृषि और कुटीर उद्योग के विकास, रोजगार सृजन और नारी और सामाजिक मजबूती का मुख्य जरिया भी है l जिसकी वजह से यह योजना कारगर सिद्ध होगी l

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