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Gooseberry Farming : बस एक बार करें इस फल की खेती, भविष्य होगा उज्जवल और लाखों में होगी कमाई

किसान अब अपने खेतो में परम्परागत खेती के साथ में अन्य फसलों की बुवाई भी करने लगा है जिनमे फलों की और मसलों की खेती सबसे अधिक की जा रही है। इसमें किसान को काफी अधिक फायदा भी मिलता है और आमदनी कई गुना बढ़ जाती है। आप अगर अपने खेतों में गेहूं, बाजार, सरसों, ज्वार आदि के साथ में अन्य खेती करने में रूचि रखते है तो आपको इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ना चाहिए क्योंकि इसमें हमने आज आंवले की खेती के बारे में डिटेल में बताया है। 
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Gooseberry Farming : बस एक बार करें इस फल की खेती
Gooseberry Farming : आंवला एक प्रकार का फल है जो भारतीय आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है l इसमें विटामिन सी की अधिकता होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अमला का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं, जूस, जैम और पाउडर के रूप में किया जाता है। यह फल शरीर को कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है, जैसे कि बालों की वृद्धि, त्वचा की देखभाल और पाचन तंत्र को मजबूत करना। 

इतने सारे गुण होने की वजह से किसानों का रुझान आंवले की खेती की ओर अधिक बढ़ रहा है। यह एक ऐसा फल है जिसकी मांग बाजार में हमेशा ही अधिक रहती है, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आंवले की खेती किस प्रकार से करें?

कैसे करें आंवले की खेती?

सबसे पहले पौधा लगाने के लिए एक घन मीटर आकार के गड्ढे तैयार करें l उसके बाद इन्हें कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ देना चाहिए, जिससे धूप लग सके l अब हर गड्ढे में 20 किलोग्राम नीम की खली और 500 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर मिलाना चाहिए, इसके बाद 15 से 20 दिन बाद पौधों का रोपण कर देना चाहिए l 

आखिर क्यों बढ़ रही है आंवले की मांग?

आंवले की मांग बढ़ने के कई कारण हैं। आयुर्वेदिक और पारंपरिक चिकित्सा में इसका महत्व बढ़ रहा है, जिससे इसकी मांग बढ़ रही है। आंवले में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स की अधिकता होती है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।इसके अलावा, आंवले का उपयोग बालों की वृद्धि और त्वचा की देखभाल के लिए भी किया जाता है। 

प्राकृतिक और ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ने से भी आंवले की मांग बढ़ रही है। व्यावसायिक उपयोग, जैसे कि जूस, जैम, पाउडर और कॉस्मेटिक्स में भी आंवले की मांग बढ़ रही है।

सरकारी समर्थन और आयुर्वेदिक चिकित्सा के बढ़ते महत्व के कारण भी आंवले की मांग बढ़ रही है। इन सभी कारणों से आंवले की मांग बढ़ रही है और इसकी खेती और उत्पादन में भी वृद्धि हो रही है।

कैसे कमाए अच्छा खासा मुनाफा?

किसान आंवले की खेती करके अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं l उन्नत तकनीक का उपयोग करके अन्य फसलों के मुकाबले अधिक कमाई कर सकते हैं l किसान आंवले की रोपाई करने के बाद चार से पांच साल में फल आने शुरू हो जाते हैं,वहीं 9 से 10 साल में एक पेड़ से एक क्विंटल तक उत्पादन मिलने लगता है l इससे प्रति पेड़ दो से तीन हजार रुपए तक कमाई होने लगती है l 

इसके पेड़ की उम्र 50 से 60 साल तक होती है l एक बार उत्पादन शुरू होने के बाद लगातार 50 साल तक मुनाफा होता है, इस बीच समय-समय पर पेड़ों की सिंचाई करें. इसी के साथ आवश्यकता पड़ने पर कीटनाशकों का छिड़काव करना जरूरी होता है l फल तोड़ने के बाद पेड़ की छंटाई करनी चाहिए l खरपतवार की सफाई करवाकर देशी खाद के साथ उर्वरकों का उपयोग करें। 

आंवले की खेती में ध्यान रखने वाली बातें 

किसानों को आंवले की खेती में कई बातों का ध्यान रखना होगा है। किसानों को बता दें की इसकी तुड़ाई का सही समय नवम्बर से लेकर के फरवरी के महीने तक होता है और जाव फल हल्का पीला दिखाई देने लग जाए तो इसकी तुड़ाई करनी चाहीये। किसानो को हमेशा समय समय पर अपने पास के कृषि केंद्र में जाकर के अधिक जानकारी इस फसल के बारे में लेते रहना चाहिए। इसके अलावा किसानों को स्थानीय इलाकों में सप्लाई के साथ साथ में आंवले के उत्पाद बनाने वाली कंपनियों से भी सम्पर्क करना चाहिए ताकि सीधे बिक्री की जा सके।  जैविक खादों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे गुणवत्ता बेहतर हो और उत्पाद की बाजार में अच्छी कीमत मिले।

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