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अगले पांच साल किसानों के लिए बेहद खास, डिजिटली तरीके से उठा सखेंगे कृषि सेवाओं का लाभ

देश के किसानों को अब डिजिटली तरीके से सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा और आने वाले समय में किसान तैराकी के रास्ते पर काफी तेजी के साथ में आगे बढ़ने वाले है. देखिये रिपोर्ट - 
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In the next five years, farmers will be able to avail the benefits of agricultural services in a very special digital way

NFLSpice News - Rewari : जिस तरीके से सरकार किसानों के लिए काम कर रही है, उससे लगातार किसानों के काम और उनकी आय में बढ़ोतरी होती है,ठीक इसी तरह से खेती से जुड़ी सेवाओं, सुविधाओं का फायदा लेने के लिए किसान डिजिटल हो रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है की अगले 5 साल में 70 फीसदी किसान डिजिटल हो जाएंगे और वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की कृषि सेवाओं-सुविधाओं का लाभ उठाएंगे, 

बता दें कि इससे कृषि उत्पादन में 15 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है, वही  बड़े स्तर पर लागत में कटौती का अनुमान जताया गया है, ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि किसानों को डिजिटल करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

अन्नदाताओं की होगी बल्ले-बल्ले

 एक स्टडी में कहा गया है कि साल 2030 तक 70 फीसदी भारतीय किसान ई-एनएएम और किसान portal जैसी कृषि सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे, भारतीय कृषि परिदृश्य 2025 में FAIFA ने खुलासा किया है कि डिजिटल कृषि से 2030 तक उत्पादकता में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी होगी और लागत में 10 फीसदी की कमी आ सकती है, वही ऐसा भी कहा जा रहा है की अगले 5 साल के दौरान देश की सिंचाई कवरेज 50 फीसदी से बढ़कर 60 से 70 फीसदी कृषि भूमि तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है. 

एक स्टडी में ये भी कहा गया है की जल संचयन और संरक्षण की कोशिशों से 2030 तक खर्च में 20 फीसदी की कमी और बेहतर इस्तेमाल में 15 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है, बता दें कि 2025 से 30 तक भारतीय कृषि 5.5 फीसदी की रफ़्तार से बढ़ेगी, जो कुल 42 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी,वही इसमें कहा गया है कि खाद्यान्न उत्पादन 2030 तक मौजूदा 330 मिलियन टन से 25 फीसदी बढ़ जाने का अनुमान है, इस अनुमान से किसानों में भी खुशी है 

गेहूं और चावल की पैदावार में आएगा जबरदस्त उछाल

एक रिपोर्ट दावा किया गया है कि उपज के मामले में गेहूं में 20 फीसदी की बढ़त के साथ 2030 तक 5.5 टन प्रति hectare की क्षमता है,वही चावल में 25 फीसदी के उछाल के साथ 2030 तक 4.5 टन प्रति hectare तक पैदावार की कैपेसिटी है. 

जानकारी के मुताबिक FAIFA की ओर से बयान में कहा गया कि केंद्र के समूचे नजरिए के चलते पिछले दशक में इस क्षेत्र में देखी गई चौतरफा मजबूत और लगातार वृद्धि के आधार पर ये अनुमान लगाए गए हैं. आगे चलकर किसानों की आय और उनकी उपज में बढ़ोतरी होगी.

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