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भारत बनेगा विश्व की Food Basket, कृषि मंत्री ने बताया प्लान, किसानों को होगा फायदा

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह धरती मनुष्यों के साथ-साथ कीट-पतंगों के लिए भी बनी है, यह समय की मांग है कि हमें प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना है, और इसे पूरी इच्छाशक्ति से आगे बढ़ाना होगा, शिवराज ने कहा की इससे उत्पादन सही होगा
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भारत बनेगा विश्व की Food Basket, कृषि मंत्री ने बताया प्लान
भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने की दिशा में सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का मानना है कि भारत में कृषि क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं और हमें इसे विश्व स्तर पर बढ़ावा देने की जरूरत है। सरकार ने कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि सिंचाई की सुविधा में सुधार, किसानों को बीज और उर्वरकों की उपलब्धता में सुधार, और कृषि उत्पादन के लिए बाजार की सुविधा में सुधार।


फूड बास्केट के लिए उत्पादन क्षमता को बढ़ाना होगा

सरकार का लक्ष्य है कि भारत को विश्व की फूड बास्केट बनाने के लिए, हमें अपनी कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाना होगा और हमें अपने उत्पादों को विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना होगा। इसके लिए सरकार ने कई पहल की हैं, जैसे कि कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना करना और कृषि उत्पादों के लिए बाजार की सुविधा में सुधार करना, इसी को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की,शोधकर्ताओं का काम केवल लैब तक ही सीमित न रहे, बल्कि उसे किसानों तक भी पहुंचाया जाए

वहीं इस दिशा में सरकार कई पहलुओं पर काम कर रही है, इसके साथ ही कहा की देश की GDP में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 % रहा है, खास बात ये है कि  दुनिया को यह पता चल चुका है कि भारत का कृषि क्षेत्र अन्य देशों से मजबूत है, इस क्षेत्र को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है.

कृषि मंत्री ने किया आह्वान

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह धरती मनुष्यों के साथ-साथ कीट-पतंगों के लिए भी बनी है, यह समय की मांग है कि हमें प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना है, और इसे पूरी इच्छाशक्ति से आगे बढ़ाना होगा, शिवराज ने कहा की इससे उत्पादन सही होगा, जानकारी के मुताबिक कृषि मंत्री ने कहा की भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए और दूरदराज क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है 

केंद्र की तरफ से शुरू किया गया खास कार्यक्रम

कृषि चौपाल कार्यक्रम एक ऐसा मंच है जहां किसानों को कृषि से संबंधित जानकारी और सलाह प्रदान की जाती है। इस कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाती है

कृषि तकनीक: नए और उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि सिंचाई प्रणाली, फसल प्रबंधन, और कीट प्रबंधन।

फसल चयन: किसानों को विभिन्न फसलों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि उनकी विशेषताएं, लाभ, और नुकसान।

मिट्टी प्रबंधन: मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि मिट्टी परीक्षण, उर्वरकों का उपयोग, और मिट्टी संरक्षण।

कीट प्रबंधन: कीटों के प्रबंधन के लिए तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि कीटनाशकों का उपयोग, जैविक कीट प्रबंधन, और एकीकृत कीट प्रबंधन।

कृषि विपणन: किसानों को अपने उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि विपणन रणनीतियां, मूल्य निर्धारण, और ब्रांडिंग।

कृषि नीतियां: किसानों को कृषि से संबंधित नीतियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि कृषि सब्सिडी, कृषि ऋण, और कृषि बीमा।

कृषि शिक्षा: किसानों को कृषि से संबंधित शिक्षा और प्रशिक्षण के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है, जैसे कि कृषि कॉलेज, कृषि प्रशिक्षण केंद्र, और ऑनलाइन कोर्स।

कृषि चौपाल कार्यक्रम में विशेषज्ञों और किसानों के बीच चर्चा होती है, जिससे किसानों को अपने सवालों के जवाब मिल सकते हैं और वे अपने कृषि कार्यों में सुधार कर सकते हैं।

नदी जोड़ों परियोजना का पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ

25 दिसंबर 2024 को नदी जोड़ों परियोजना का शुभारंभ पीएम मोदी करेंगे, वहीं इस योजना के बारे में बताते हुए चौहान ने कहा कि कई हिस्सों में कभी बाढ़ आती है तो  सूखा पड़ता है इससे निपटने के लिए पीएम मोदी के नेतृत्व में एक विशेष नदी जोड़ों परियोजना का शुभारंभ जल्दी ही होगा, इसके साथ ही कृषि मंत्री ने कहा, हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी चाहिए जिससे कम पानी में ज्यादा सिंचाई हो, कृषि मंत्री ने कहा की सरकार किसानों के लिए आगे और काम करेगी.
 

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