अब बिना खर्चे के घर बैठे बनाएं जैविक खाद और पाएं दोगुना लाभ
खेती और किसानी करते वक्त किसानों को कई चीजों पर बार-बार खर्च करना पड़ता है l इन्हीं सब चीजों में खाद भी शामिल होती है, जो बहुत बार पैसे खर्च करने के बाद भी अच्छी नहीं मिलती l इसका नतीजा यह होता हैं कि कई बार फसले खराब भी हो जाती है l इसी को देखते हुए आज हम ऐसी जैविक खाद के बारे में बताएंगे जो आप घर बैठे आसानी से बना सकेंगे वही फसलों को भी इस खाद का लाभ मिलेगा l
जैविक खाद बनाने की क्या है सही विधि
रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग कई दुष्परिणामों का कारण बन सकता है।जैसे :- मिट्टी का प्रदूषण, मिट्टी की उर्वरता में कमी, पौधों की वृद्धि में कमी, और जैव विविधता की हानि। इसके अलावा, रासायनिक उर्वरकों का सेवन करने से मानव स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करने की बजाय किसानों को जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।
इस जैविक खाद को बनाने के लिए देशी गाय का गोबर ,गोमूत्र , बेसन ,गुड और पीपल के पेड़ के पास की मिट्टी को एक 200 लीटर के ड्रम में मिलाकर करीब 1 हफ्ते तक छोड़ दिया जाता है और उसके बाद जीवामृत खाद बन कर तैयार हो जाती है l यह उर्वरक रासायनिक उर्वरक से बहुत अधिक सस्ता तो हैं है मगर साथ ही साथ पैदावार में भी इजाफा होता है l फसल और लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता हैं l
सरकार भी कर रही है प्रोत्साहित
सरकार जैविक खाद को लगातार प्रोत्साहित व प्रसारित कर रही है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है, जिससे फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है। जैविक खाद मिट्टी में जैविक पदार्थों को बढ़ाता है, जिससे मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है और मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।जैविक खाद के उपयोग से रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता में कमी आती है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण में कमी आती है। रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी और जल प्रदूषण होता है, जिससे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
जैविक खाद के उपयोग से किसानों की आय में वृद्धि होती है, क्योंकि जैविक खाद के उपयोग से फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है और फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसके अलावा, जैविक खाद के उपयोग से किसानों को रासायनिक उर्वरकों की खरीदारी पर होने वाले खर्च में कमी आती है।
इसके अलावा जैविक खाद उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जैविक खाद मिशन शुरू किया है। इस मिशन के तहत, सरकार जैविक खाद उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है और जैविक खाद उत्पादन और उपयोग के लिए तकनीकी सहायता भी किसानों को प्रदान करती है।इस प्रकार, सरकार जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम चला रही है। जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता में वृद्धि होती है, फसलों की उत्पादकता में वृद्धि होती है, और पर्यावरण प्रदूषण में कमी आती है।
मुफ्त में बनेगी खाद और आप कमाएंगे दोगुना लाभ
जैविक खाद के बारे में बहुत किसान भाई यही सोचते हैं कि पैदावार पर असर पड़ेगा l लेकिन ऐसा नहीं है,जैविक खाद फसल के लिए बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि यह मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है, फसलों की उत्पादकता को बढ़ाता है, और पर्यावरण प्रदूषण को कम करता है। अगर आपको घर बैठे ही खाद बनाना है और बिना खर्चे के दोगुना लाभ कमाना है तो आप जैविक खाद का उपयोग अवश्य कीजिए l