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शीतलहर में बचाये अपनी आलू की फसल को, आजमाएं ये उपाय और हो जाए टेंशन फ्री

किसानो के लिए जनवरी माह में फसलों की देखरेख करना काफी चुनौतीपूर्ण है क्योकि जनवरी में पाले, कड़ाके की ठण्ड एवं शीतलहर का असर फसलों पर काफी खतरनाक प्रभाव डालते है जिससे उत्पादन कम होता है, फसलों की ग्रोथ कम हो जाती है लेकिन सभी फसलों में ऐसा नहीं है खासकर सब्जियों की खेती करने वाले किसानो को इस मौसम में जैसे की आलू, टमाटर, मटर आदि के लिए ख़ास प्रबंध करने होते है। ताकि पोधो को कड़ाके की ठण्ड एवं शीतलहर से बचाया जा सके। 
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potato crops

पूरे उत्तर भारत में मौसम ने करवट ले ली है l एक तरफ जहां बर्फबारी ने परेशान किया हुआ है तो दूसरी तरफ शीत लहर ने प्रभावित किया हुआ है। वहीं इसका सबसे अधिक प्रभाव देश के अन्नदाता और गरीब मजदूरों पर पड़ रहा हैं l ठंड के कारण फसलों की वृद्धि रुक जाती है और उन्हें नुकसान पहुंचता है। इससे किसानों की आय पर भी असर पड़ता है। कई किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए विशेष प्रयास करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। वही सबसे अधिक प्रभावित आलू की फसल हो रही है, तो आईए जानते हैं आलू की फसल को इस प्रचंड शीत लहर मे कैसे बचाएं l 

कैसे करें आलू की फसल का बचाव

आलू की फसल को ठंड में बचाने के लिए कुछ विशेष उपाय करने पड़ते हैं। आलू की फसल ठंड के प्रति बहुत संवेदनशील होती है, और यदि इसे ठंड से बचाने के लिए उचित उपाय नहीं किए जाते हैं, तो यह फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती है। आलू की फसल को ठंड में बचाने के लिए सबसे पहले यह आवश्यक है कि आप अपनी फसल को ठंड के प्रति संवेदनशील होने से पहले ही काट लें। यदि आप अपनी फसल को ठंड के प्रति संवेदनशील होने के बाद काटते हैं, तो यह फसल पूरी तरह से नष्ट हो सकती है।आप अपनी फसल को मुल्छिंग से ढक दें। मुल्छिंग एक प्रकार का जैविक पदार्थ है जो मिट्टी को गर्म रखने में मदद करता है। यदि आप अपनी फसल को मुल्छिंग से ढक देते हैं, तो यह ठंड के प्रति संवेदनशील नहीं होगी और आपकी फसल सुरक्षित रहेगी।

आलू की फसल को ठंड में बचाने के लिए एक अन्य उपाय यह है कि आप अपनी फसल को गर्म पानी से सिंचाई करें। गर्म पानी से सिंचाई करने से मिट्टी में गर्मी बनी रहती है, जो ठंड के प्रति संवेदनशील होने से रोकती है। यदि आप अपनी फसल को गर्म पानी से सिंचाई करते हैं, तो यह ठंड के प्रति संवेदनशील नहीं होगी और आपकी फसल सुरक्षित रहेगी l 

आलू की फसल में सल्फर का करे छिड़काव 

आपको बता दें कि जमीन में सल्फर का बिखराव करने से जमीन का टेंपरेचर बढ़ता है l साथ ही फफूंद रोग भी कंट्रोल रहता है, साथ ही छिड़काव करने से पौधे का टेंपरेचर बढ़ता है l जहां चूल्हे की राख का छिड़काव करने से पत्ते पर पड़ने वाले पाले का पत्ती से सीधा संपर्क टूट जाता है l इसके अलावा सड़े हुए छाछ का उपयोग कीटनाशक के तौर पर कर सकते हैं, ये भी फसल को पाले से बचाने में प्रभावी है l पाला पड़ने पर आलू की फसल में सिंचाई ना करें और अगर सामान्य दिन में भी सिंचाई करनी है तो धूप में ही करें l 

आलू की फसल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण टिप्स

पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आलू की फसल के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन करना। आलू की फसल के लिए दोमट या रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी चाहिए, ताकि आलू की फसल को पानी की कमी न हो। आलू की फसल के लिए बीजों का चयन करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। आलू की फसल के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना चाहिए। बीजों को अच्छी तरह से साफ और सूखा रखना चाहिए, ताकि वे जल्दी से उग सकें l

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