home page

फसलों का दुश्मन बना जंगली खरपतवार, किसान हुए परेशान, ऐसे होगा समाधान

सर्दियों में ली जाने वाली फसल यानि रबी की फसल में किसान भाई गेहूं की बुवाई करते है और गेहूं में किसानो को सबसे अधिक परेशानी खरपतवार से होती है। खरपतवार ना केवल गेहूं के पौधों की बढ़वार को प्रभावित करती है बल्कि पैदावार में भी भारी गिरावट आती है। खरपतवार की रोकथाम के लिए आपको क्या क्या करना चाहिए आइये जानते है। 
 | 
Solution to wild weeds in wheat crop

NFL Spice News (Rewari) - Weeds in Wheat : रबी सीजन यानि सर्दियों के मौसम में किसान गेहूं की बुवाई करते है l मगर आमतौर पर किसान खरपतवारों की समस्या से परेशान रहते हैं l ऐसा हम इसलिए कह रहे है क्योकि इन दिनों गेहूं की फसल में जंगली पालक, हिरणखुरी जैसी खरपतवार तेजी से फैल रही है l इसकी रोकथाम न करने पर फसल के उत्पादन पर विपरीत असर दिखाई पड़ता है, तो आइये जानते है कि खरपतवार की रोकथाम के लिए कौन सी दवा सही होगी और आप किस तरह से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं l 

सही समय पर करें दवा का छिड़काव

जानकारी के मुताबिक हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों में इन दिनों गेहूं की फसल में जंगली पालक और हिरणखुरी खरपतवार का आतंक देखा जा रहा है l इस समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के प्रशिक्षण ब्यूरो ने कहा कि गेहूं खरपतवारनाशक दवाइयों का इस्तेमाल सही समय पर होना बेहद जरूरी है l साथ ही अगर इनको समय पर फसल से बाहर नहीं किया जाता है तो किसान को भरी नुकसान उठाना पड़ सकता है। 

किसान खरपतवार नाशी दवाओं का इस्तेमाल फसल की बुवाई के 30 से 40 दिन बाद ही इस्तेमाल करें l गेहूं की बौनी किस्मों में  लगभग 30-35 दिन में खरपतवारनाशी का छिड़काव किया जाना चाहिए और गेहूं की देसी किस्मों में 40-45 दिन के बाद दवा का छिड़काव जरूरी है l 

एक्सपर्ट से जाने फसलों को कैसे बचाएं?

कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बीआर काम्बोज के मुताबिक खरपतवारों को पहली और दूसरी सिंचाई के बाद कम से कम दो बार निराई-गुड़ाई करके खेत से निकालना बेहद जरूरी है l किसान शुरू की बढ़वार में लगभग 30 दिन के अंतर्गत एक बार निराई-गुड़ाई अवश्य कर ले l वही चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए 2, 4-डी खरपतवारनाशी दवा का इस्तेमाल करे l 

इसके लिए 250 ग्राम 2, 4-डी सोडियम साल्ट 80% या 300 मिली 2, 4-डी एस्टर 34.6 फीसदी या एलग्रीप 8 ग्राम 250 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में छिड़काव करें l 

इन दवाओं के छिड़काव से भी मिलेगी राहत 

खरपतवारों की रोकथाम के लिए कारफेन्ट्राजोन ईथाईल (एफीनिटी) 40% डीएफ की 20 ग्राम प्रति एकड़ या सभी प्रकार के चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए नियंत्रण के लिए लेनफिडा 50% डीएफ मैटसल्फ्यूरॉन 10% कारफेन्ट्राजोन 40% मिश्रण की 20 ग्राम मात्रा प्रति एकड़ 0.2% सहायक पदार्थ के हिसाब से 200- 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें l 

वही इसके अलावा फसलों की देख-रेख समय के अनुसार करते रहे जिससे फसल और उसकी उत्पादकता में कोई भी कमी ना हो l 

गेहूं की फसल में खरपतवार कनकी और जंगली जई की रोकथाम के लिए दवाओं का छिड़काव 35 दिन बाद करें. इसके लिए  आइसोप्रोटूरान 50 प्रतिशत टोलकान, टारस, ग्रेमिनान, नोसीलोन, रक्षक, हैक्सामार, इफ्को, आईसोप्रोटूरान, एग्रीलान, मिलरोन की 800 ग्राम दवा का प्रति एकड़ के हिसाब से 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है l इन सभी कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल अपनी फसल के अनुसार ही करें। 

किसानों के लिए टिप्स

किसान भाइयों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना होगा की उनकी फसल में खरपतवार को उसी सीजन में निकल कर एक जगह पर एकत्रित करके जला देना चाहिए नहीं तो अगले साल फिर से उसके बीजों के द्वारा फिर से फसल के साथ में उग आते है। इसलिए अगर इनको फसल से निकालकर जला दिया जाए तो इनका बीज धीरे धीरे खेत से बिलकुल समाप्त हो जाता है तथा आगे आने वाले समय में किसान को किसी भी खरपतवारनाशक का छिड़काव अपनी फसल में करने की जरुआत नहीं होगी। 
News Reporting by Shivam Soni, Editing by Vinod Kumar for NFL Spice News Network

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now