टमाटर की खेती है मुनाफे का सौदा, कम लागत में कर सकते है अच्छी कमाई
टमाटर की उन्नत किस्में और उनकी विशेषताएं
देश में टमाटर की अलग अलग किस्मे एरिया के हिसाब से फ़िलहाल मार्किट में उपलब्ध है, देश में हर क्षेत्र का वातावरण, जलवायु अलग अलग होते है तो ऐसे में उसी के हिसाब से टमाटरों की किस्म तैयार की जाती है ताकि कम खर्च एवं मौसमी प्रकोप से बचाव के साथ उच्च उत्पादन लिया जा सके, मार्किट में टमाटरों की अच्छी खासी मांग हर समय होती है। टमाटर की उन्नत किस्मों को खेती में अपनाने से उत्पादन में वृद्धि और बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त होती है।
प्रमुख उन्नत किस्में
अर्का विकास
- यह किस्म जल्दी पकती है।
- प्रति पौधा अधिक फल देती है।
पूसा रुबी
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गर्म और शुष्क जलवायु में भी इसका अच्छा उत्पादन होता हैं l
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फल चमकदार लाल और स्वादिष्ट।
अर्का अभिजीत
- रोग प्रतिरोधी किस्म।
- उच्च उत्पादकता और लंबे समय तक ताजगी।
नवीन 2000+
- औद्योगिक उपयोग जैसे सॉस और केचप के लिए सबसे उपयुक्त किस्म है l
जलवायु और मिट्टी की आवश्यकता कितनी होती हैं
टमाटर की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी का सही चयन बेहद महत्वपूर्ण है। सही जलवायु और उपयुक्त मिट्टी न केवल फसल की गुणवत्ता को बेहतर बनाते हैं, बल्कि उत्पादन में भी वृद्धि करते हैं। टमाटर एक सब्जी है जो समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय दोनों प्रकार की जलवायु में उगाई जा सकती है। यह फसल विशेष रूप से मध्यम तापमान वाले क्षेत्रों में अच्छी होती है।
टमाटर की खेती के लिए 20°C से 30°C तापमान सबसे अनुकूल होता है।16°C से कम तापमान पर पौधों की वृद्धि धीमी हो जाती है और 35°C से अधिक तापमान फूल और फलों के गिरने का कारण बन सकता है l टमाटर के पौधों को बढ़ने और फलने के लिए भरपूर सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है।दिन में 6-8 घंटे की सीधी धूप पौधों के लिए आदर्श होती है।टमाटर की खेती के लिए 600-1200 मिमी तक की वार्षिक वर्षा उपयुक्त है।अत्यधिक बारिश पौधों को नुकसान पहुंचा सकती है क्योंकि इससे जलभराव और फंगल रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा टमाटर की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।रेतीली दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी भी बेहतर परिणाम देती है।
मिट्टी का भुरभुरा और अच्छी जल निकासी वाला होना आवश्यक है ताकि पौधों की जड़ें आसानी से फैल सकें।खेत को 2-3 बार गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाएं।जुताई के बाद पाटा चलाकर मिट्टी को समतल करें।खेत में जैविक खाद, वर्मी कंपोस्ट, या गोबर खाद डालें।नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटाश जैसे उर्वरकों का संतुलित उपयोग करें।
टमाटर में लगने वाले रोगों की रोकथाम कैसे करें
टमाटर की फसल में रोग लगना एक सामान्य समस्या है, लेकिन उचित देखभाल और रोकथाम के उपायों से इनका प्रबंधन किया जा सकता है। टमाटर में सबसे आम रोग ब्लाइट, विल्ट, लीफ कर्ल और फंगल संक्रमण जैसे पाउडरी मिल्ड्यू होते हैं। इन रोगों की रोकथाम के लिए सबसे पहले रोग-प्रतिरोधी किस्मों का चयन करना महत्वपूर्ण है। उन्नत किस्में रोगों से लड़ने की क्षमता रखती हैं और स्वस्थ उत्पादन सुनिश्चित करती हैं।खेत की तैयारी के दौरान, मिट्टी की गहरी जुताई करके उसे भुरभुरा बनाएं और उसमें जैविक खाद मिलाएं। यह मिट्टी में मौजूद फफूंद और कीटों को नष्ट करने में सहायक होता है। मिट्टी का pH स्तर 6.0-7.5 के बीच बनाए रखें, क्योंकि असंतुलित pH रोगों को बढ़ावा दे सकता है। बीज बोने से पहले उन्हें फफूंदनाशक दवाओं जैसे कैप्टन या थिरम से उपचारित करें। यह बीज जनित रोगों को नियंत्रित करने का प्रभावी तरीका है।
रासायनिक और जैविक उपायों का उपयोग करके भी रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है। ब्लाइट रोग के नियंत्रण के लिए बोर्डो मिक्सचर या मैनकोज़ेब का छिड़काव करें। विल्ट रोग के लिए मिट्टी में ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक फफूंदनाशकों का उपयोग करें। लीफ कर्ल और सफेद मक्खी जैसे कीटों से बचाव के लिए नीम तेल या इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें। जैविक खेती के लिए, नीम का अर्क और लहसुन-नीम का घोल रोगों और कीटों को नियंत्रित करने में मददगार होता है।
टमाटर से कैसे कमाए अधिक मुनाफा
आमतौर पर टमाटर की खेती की तैयारी का समय कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि मौसम, मिट्टी की गुणवत्ता, और टमाटर की किस्म। मगर टमाटर की खेती 60 से 90 दिनों में पूरी हो जाती है।टमाटर की फसल को बेचने के लिए सही समय का चुनाव भी बेहद जरूरी है। जब बाजार में टमाटर की कमी होती है, तो कीमतें अधिक होती हैं। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए किसान पॉलिहाउस या ग्रीनहाउस तकनीक का उपयोग कर ऑफ-सीजन में टमाटर उगा सकते हैं। जैविक खेती का विकल्प चुनने से भी टमाटर की मांग और कीमत बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि जैविक उत्पादों को उपभोक्ता स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है।
बिचौलियों से बचने के लिए किसान सीधे थोक विक्रेताओं, रिटेल दुकानों, और प्रोसेसिंग यूनिट से संपर्क कर सकते हैं। थोक बाजार और स्थानीय मंडियों में सीधे बिक्री से किसानों को अपनी उपज का सही मूल्य मिलता है। इसके अलावा, फसल की सीधी बिक्री के लिए किसान ऑनलाइन मार्केटप्लेस या कृषि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं, जो उपभोक्ताओं और खुदरा विक्रेताओं के साथ सीधा जुड़ने में मदद करते हैं।
टमाटर की खेती से जुड़े सामान्य प्रश्न
1.टमाटर के लिए उचित मौसम क्या है?
- टमाटर के लिए 20-30°C का तापमान उपयुक्त है।
2.कौन सी मिट्टी टमाटर के लिए सबसे अच्छी है?
- बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।
3.टमाटर के पौधे कितनी ऊंचाई तक बढ़ते हैं?
- टमाटर के पौधे 1-2 मीटर तक बढ़ सकते हैं।
4.टमाटर के लिए किस प्रकार की सिंचाई उपयुक्त है?
- ड्रिप सिंचाई सबसे उपयुक्त है।
5.टमाटर में कौन से सामान्य रोग होते हैं?
- फफूंद संक्रमण, हल्की धुंध और बैक्टीरियल विल्ट होते हैं।