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अब सरकार सिखाएगी ऑर्गेनिक दूध,घी बनाना और मुनाफा कमाएंगे आप

A1-A2 दूध गाय-भैंस पर आधारित है, लेकिन ऑर्गेनिक दूध-घी का बाजार सभी के लिए खुला है l यहां तक की भेड़-बकरी का दूध बेचने वाले भी इस बाजार में आसानी शामिल हो सकते हैं l डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो ऑर्गनिक दूध-घी बाजार में बड़ा मुनाफा कमाते है
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cow milk scheme
पशुपालन एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है जिसमें पशुओं का पालन-पोषण किया जाता है। इसमें गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी आदि का पालन किया जाता है। पशुपालन से दूध, मांस, अंडे और ऊन जैसे महत्वपूर्ण उत्पाद प्राप्त होते हैं। वही अगर आप अपने पशुओं को खि‍लाने के लिए 24 घंटे ऑर्गेनिक चारा चाहते हैं तो अब ये नामुमकिन नहीं है l इसके लिए बस आप अपने बीपीकेपी से संपर्क करें l बीपीकेपी की मदद से गाय के गोबर और मूत्र से चारा फसलों के लिए नेचुरल खाद तैयार की जा रही है l वही इससे आप मोटा मुनाफा कमा सकते हैं l 

कैसे आप कमा सकते हैं मोटा मुनाफा?

जानकारी के अनुसार A1-A2 दूध गाय-भैंस पर आधारित है, लेकिन ऑर्गेनिक दूध-घी का बाजार सभी के लिए खुला है l यहां तक की भेड़-बकरी का दूध बेचने वाले भी इस बाजार में आसानी शामिल हो सकते हैं l डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो ऑर्गनिक दूध-घी बाजार में बड़ा मुनाफा कमाते है l बाजार में ऑर्गनिक दूध-दही और घी-मक्खन ही नहीं ऑर्गनिक मीट की भी मांग लगातार बढ़ रही है l इसके लिए सबसे पहले पशुओं को ऑर्गेनिक चारा खिलाना होगा, चारा हरा हो या सूखा सभी ऑर्गेनिक होना चाहिए l 

ऑर्गेनिक दूध या मीट का सर्टिफिकेट भी तभी मिलता है जब जांच में सब कुछ सही पाया जाता है l इन सब चीजों को देखते हुए अब केन्द्र सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना की उपयोजना भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) को बढ़ावा दे रही है l इस पद्धति का सीधा असर पशु पालन करने वाले किसानों पर पड़ेगा l ऐसा हम इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि अगर आप चारे में किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं करते हैं तो आप शुद्ध दूध को बाजार में बेचकर मोटा मुनाफा कमा सकते हैं l 

ऑर्गेनिक खाद बनाना सिखाएगा बीपीकेपी

 बीपीकेपी यानी भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति इस पद्धति के तहत ऑर्गनिक और नेचुरल फार्मिंग के लिए जीवामृत, नीमास्त्र और बीजामृत बनाया जा रहा है l एक्सपर्ट साइंटिस्ट डॉ. एके सिंह ने बताया कि जीवामृत बनाने के लिए गुड़, बेसन और देशी गाय के गोबर-मूत्र में मिट्टी मिलाकर बनाया जा रहा है,यह सभी चीज मिलकर मिट्टी में पहले से मौजूद फ्रेंडली बैक्टीरिया को और बढ़ा देते हैं और इसी का फायदा चारे को मिलता है l इसके साथ-साथ गाय के गोबर और मूत्र से ऑर्गेनिक खाद भी बनाई जाएगी जो बेहद ही कारगर होगी l वही इन सब चीजों की जानकारी बीपीकेपी मुहैया कराएगा।

किन-किन राज्यों में है बीपीकेपी केंद्र?

 आपको बता दें कि केन्द्र सरकार ने (बीपीकेपी) उपयोजना के तहत आठ राज्यों यानि छत्तीसगढ़, करेल, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, आंध्रा प्रदेश, ओडिशा, मध्य‍ प्रदेश और तमिलनाडु में बीपीकेपी केन्द्र बनाए गए हैं l ये सभी केन्द्र करीब चार लाख हेक्टेयर जमीन पर होने वाली नेचुरल फार्मिंग को कवर भी कर रहे हैं l केन्द्र सरकार की इस योजना पर एक साथ देश के आठ राज्यों में एक साथ काम चल रहा है, तीन साल में एक करोड़ किसानों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य भी रखा गया है,साथ ही इसके लिए 10 हजार जैव संसाधन इनपुट केन्द्र स्थापित करने  की योजना पर भी काम चल रहा है l  इस पद्धति की खास बात यह है कि यह पूरी तरीके से स्वदेशी होगी और सभी चीज ऑर्गेनिक रूप से बनाई जाएगी l
 

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