नई दिल्ली: अभी अभी एक 7.2 तीव्रता का भूकंप नेपाल और चीन के बॉर्डर पर दक्षिणी झिंजियांग से आया जिसके झटके दिल्ली एनसीआर में भी महसूस किये गए। लोग आधी रात को आने वाले इस भूकंप के कारण डर कर घरों से बाहर आ गए और इन्तजार करने लगे की कहीं फिर से ना आज जाये भूकंप।

7.2 तीव्रता का भूकंप का केंद्र नेपाल और चीन के बॉर्डर दक्षिणी झिंजियांग को बताया जा रहा है। 11 बजकर 39 मिनट 11 सेकेंड पर अचानक से धरती हिलने लगी। लोगों के घरों के झूमर अचानक से डोलने लगे तो लोग घरों से दौड़ते हुए बाहर आ गए। बताया जा रहा है की ये भूकंप जमीं के 80 किलोमीटर अंदर से शुरू हुआ था।

भूकंप के खतरे के कारण देश में सीस्मिक जोन बनाये गए है और इनमे से जोन 2 में सबसे कम खतरा होता है। लेकिन दिल्ली जोन 4 में आती है जिसमे खतरा काफी ज्यादा होता है। हालाँकि इससे अधिक खतरा जोन 5 में बताया जाता है। फिलहाल रिक्टर स्केल पर जो भूकंप की तीव्रता माफ़ी गई है हो कुछ देर अगर रुक जाए तो शहर के शहर तबाह कर सकती है।

भूकंप आने का कारण क्या है

भूकंप आने का कारण जमीन के निचे होने वाली हलचल होता है। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स मौजूद हैं और ये प्लेट्स आपस में टकराती रहती है। इस टकराव की लाइन को फॉल्ट लाइन कहा जाता है और बार बार इन प्लेट्स के आपस में टकराने के बाद में इनके कोने मुड़ने लगते है। जैसे ही दवाब ज्यादा बनता है तो ये प्लेट्स टूटने लगती है और इनके अंदर की ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है। उस कोशिश में जो दवाब बनता है उसी के कारण भूकंप आते है।

भूकंप आये तो क्या करें

अगर आप घर या फिर बिल्डिंग में मौजूद हैं और आपको लगे की भूकंप आया है तो तुरंत बाहर की और आ जाना है। अगर बाहर नहीं आ पा रहे है तो बिल्डिंग में ऐसी जगह पर चले जाए जहाँ पर कोना बन रहा है। या फिर आसपास मौजूद किसी भी टेबल या फिर फर्नीचर के निचे भी पनाह ले सकते है।

तकिये आदि को सर पर लगा लेना चाहिए और हो सके उतना दीवारों से दूर रहने की कोशिश करें। लिस्ट का प्रयोग ना करें और बाहर भी किसी पेड़ के निचे ना जायें।

मैं शुभम मौर्या पिछले 2 सालों से न्यूज़ कंटेंट लेखन...

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