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EPF Form 31 : ईपीएफ फॉर्म 31 क्या होता है और इससे कब कब आंशिक निकासी कर सकते है?

Written By Vinod Yadav
EPF Form 31
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प्राइवेट सेक्टर में करोड़ों कर्मचारी कार्य करते है और उन सभी कर्मचारियों के हर महीने के वतन से कुछ हिस्सा भविष्य निधि (Provident Fund) के रूप में जमा किया जाता है। इस भविष्य निधि को भारत सरकार की कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के द्वारा मैनेज किया जाता है। जितना पैसा कर्मचारी के हर महीने के मूल वेतन के कटौती करके (12 फीसदी हिस्सा) इसमें जमा किया जाता है उतना ही पैसा संस्थानों के द्वारा भी उस कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है।

कई बार कर्मचारियों को अपने किसी जरुरी कार्य को पूरा करने के लिए पैसे की जरुरत अगर पड़ती है तो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा राशि में से कुछ हिस्सा निकलने की अनुमति दी जाती है। ईपीएफ खाते में से आंशिक निकासी करने के लिए आपको जिस फॉर्म को भरना होता है वो फार्म ईपीएफ फॉर्म 31 कहलाता है और ऐसी फार्म के जरिये आप आंशिक निकासी कर सकते है।

ईपीएफ फॉर्म 31 से कब कब पैसा निकाल सकते है?

अगर आप एक कर्मचारी है तो आपको ये जरूर मालूम होना चाहिए की ईपीएफ फॉर्म 31 को भरकर आप कब कब पैसा निकाल सकते है। देखिये यहां इसकी डिटेल –

  • ईपीएफ फॉर्म 31 को भरकर आप शिक्षा के लिए पैसे की निकासी कर सकते है लेकिन शिक्षा के लिए आपके ईपीएफ खाते में किये गए कुल योगदान का केवल 50 फीसदी हिस्सा ही निकाल सकते है।
  • आप खुद के या फिर अपने बच्चों के, छोटे भाई बहन के विवाह के लिए भी आप ईपीएफ फण्ड में से 50 फीसदी पैसे की आंशिक निकासी कर सकते है।
  • जमीन खरीदने के लिए और घर का निर्माण करवाने के लिए भी आप अपने मासिक वेतन और आपको मिलने वाले महंगाई भत्ते का 24 गुना पैसा निकाल सकते है बशर्ते इतना पैसा आपके खाते में मौजूद है।
  • बीमारी के लिए भी आप ईपीएफ फॉर्म 31 को भरकर पैसे की निकासी कर सकते है।
  • अगर आपके ऊपर कर्जा है और आप उसको उतारना चाहते है तो इसके लिए भी आप अपने ईपीएफ खाते से 90 फीसदी तक पैसे की निकासी कर सकते है।

ईपीएफ खाते से पूरा पैसा कब निकाला जा सकता है?

प्रोविडेंट फ़ंड में बनाये गए नियमों के अनुसार आप नौकरी छोड़ने के बाद में अपने ईपीएफ खाते के पैसे को निकाल सकते है लेकिन आपने नौकरी छोड़ दी है, रिटायर हो गए है या फिर आपके पास में अब कोई काम नहीं है इसको राजपत्रित अधिक्कारी या फिर आपके नियोक्ता के द्वारा प्रमाणित किया जाना चाहिए।

इसके अलावा अगर ईपीएफ में योगदान कर रहे कर्मचारी की किसी भी कारन से मौत हो जाती है और भी उसके परिवार या फिर नॉमिनी के द्वारा पुरे पैसे की निकासी की जा सकती है लेकिन इसके लिए भी जरुरी दस्तावेज देने होते है। इसके अलावा ईपीएफ खाते से पुरे पैसे की निकासी नहीं की जा सकती है और आपके ऊपर बताई दोनों वजहों के अलावा केवल आंशिक निकासी ही कर सकते है।

डिस्क्लेमर: वेबसाइट पर दी गई बिज़नेस, बैंकिंग और अन्य योजनाओं की जानकारी केवल आपके ज्ञान को बढ़ाने मात्र के लिए है और ये किसी भी प्रकार से निवेश की सलाह नहीं है। कोई भी निवेश करने से पहले आप अपने सलाहकार से सलाह जरूर करें। बाजार के जोखिमों के अधिक योजनाओं में निवेश करने से वित्तीय घाटा हो सकता है।

About Author

Vinod Yadav

I am Vinod Yadav, and I have been involved in news content writing for the past four years. Since May 2023, I have been associated with nflspice.com, where I have been consistently working on delivering news content. News writing is an art, and the most important aspect of this art is the ability to convey news accurately. I am constantly striving to refine this skill and enhance my writing.

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