राष्ट्रपति ने प्रशासनिक सेवा अधिकारियों से कहा- कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दें

नई दिल्ली, 3 जून 2025: राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) में आज एक खास कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के उन अधिकारियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की, जो राज्य सिविल सेवा (State Civil Services) से पदोन्नत होकर आए हैं। ये अधिकारी लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में 127वें प्रेरण प्रशिक्षण कार्यक्रम (127th Induction Training Programme) में हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान राष्ट्रपति ने अधिकारियों को देश के विकास में कमजोर और वंचित वर्गों को प्राथमिकता देने की सलाह दी।
राष्ट्रपति ने दिया विकास का मंत्र
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि अधिकारियों को अपने प्रयासों में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश के विकास की यात्रा में हाशिए पर रहने वाले और कमजोर वर्ग पीछे न छूटें। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक विकसित राष्ट्र (Developed Nation) बनने की दिशा में यह सबसे अहम कदम होगा। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने काम में सामाजिक न्याय (Social Justice) को प्राथमिकता दें, ताकि समाज के हर तबके को बराबर का मौका मिल सके।
प्रशिक्षण का महत्व
यह कार्यक्रम उन अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया था, जो राज्य सिविल सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत हुए हैं। लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चल रहे इस प्रशिक्षण का उद्देश्य अधिकारियों को बेहतर प्रशासनिक कौशल (Administrative Skills) सिखाना और उन्हें देश की सेवा के लिए तैयार करना है। इस दौरान अधिकारियों ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस मुलाकात में औपचारिक रूप से शपथ ली और राष्ट्रपति से प्रेरणा ली।
सामाजिक बदलाव पर जोर
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में यह भी कहा कि भारत जैसे विशाल देश में सामाजिक भेदभाव को खत्म करना बहुत जरूरी है। उन्होंने सरकार की उन योजनाओं का भी जिक्र किया, जो वंचित समुदायों (Marginalized Communities) के लिए काम कर रही हैं। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से अपील की कि वे अपने कार्यक्षेत्र में इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करें, ताकि समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिल सके।
इस मुलाकात की तस्वीरें राष्ट्रपति भवन के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से साझा की गईं, जिसमें अधिकारियों को राष्ट्रपति के साथ चर्चा करते और शपथ लेते देखा जा सकता है। यह आयोजन अधिकारियों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्रोत रहा।