Haryana MBBS Exam Scam: MBBS परीक्षा पास कराने के मांगे थे 5 लाख, छात्र ने की शिकायत तो घोटाला आया सामने, 2 कर्मचारी सस्पेंड
Haryana MBBS Exam Scam : हरियाणा में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुरे हरियाणा प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में हड़कंप मचा दिया है। खबर हरियाणा के रोहतक से आ रही है जहां पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज में MBBS की परीक्षा पास करने के बदले में 5 लाख की रिश्वत लेने का मामला सामने आ रहा है। क्या है पूरी खबर चलो जानते है।
पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज में MBBS की परीक्षा में घोटाला हो गया इसका खुलासा तब हुआ जब यूनिवर्सिटी के ही एक छात्र में इसकी शिकायत की। अधिकारीयों को शिकयय मिली की यूनिवर्सिटी के ही कुछ कर्मचारियों की तरफ से परीक्षा में पास करनवाने के बदले में 3 लाख से 5 लाख की रिश्वत ली गई है। इसके अलावा छात्र की तरफ से अपनी शिकायत के साथ में कुछ डॉक्यूमेंट को वीडियो भी पेश किया गया है जिसमे रिश्वत के सबूत मौजूद है। शिकायत मिलने के बाद में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की। इस शिकायत के बाद जांच शुरू हुई और जो चीजें सामने आई उससे इस पुरे घोटाले का पर्दाफाश हुआ।
अधिकारीयों की तरफ से की गई जांच में जब पक्का हो गया की रिश्वत का मामला है तो यूनिवर्सिटी की तरफ से ही तुरंत प्रभाव से परीक्षा शाखा के दो नियमित कर्मचारियों, रोशन लाल और रोहित, को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही आउटसोर्स कर्मचारियों दीपक, इंदू बजाज और रितू की सेवाओं पर रोक लगा दी गई। यूनिवर्सिटी की तरफ से इस घोटाले की सच्चाई और इसमें शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए एक विशेष जांच कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। आगे अब यह देखना होगा कि जांच के बाद और कौन से तथ्य सामने आते हैं।
MBBS की परीक्षा में होने वाली इस गड़बड़ी के बाद में शिक्षा विभाग में हड़कंप का माहौल है क्योंकि ये कोई मामूली घटना नहीं है। इस घटना ने MBBS की पढाई कर रहे छात्रों को ही चिंता में नहीं डाला है बल्कि उनके अभिभावकों को भी अब अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतिति कर दिया है। 2022 बैच की परीक्षा तो खत्म हो चुकी है लेकिन 2021 बैच की परीक्षा अभी चल रही है और 2020 बैच की परीक्षा शुरू होने वाली है। ऐसे में छात्रों की मेहनत और भविष्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हरियाणा में सामने आने वाला यह यह घोटाला हमारे शिक्षा तंत्र में सुधार की जरूरत को उजागर करता है। जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो छात्रों का भरोसा टूटता है। क्या यह सही है कि जिन छात्रों ने दिन-रात मेहनत की वे उन्हीं छात्रों के बराबर खड़े हों जो पैसे देकर पास हुए? ऐसे में जो छात्र दिन रात म्हणत करते है उनके भविष्य का आगे क्या होगा ये तो सोचकर ही डर लगने लगता है।