प्राइवेट सेक्टर में 20 साल नौकरी की और सैलरी 15 हजार महीना है तो कितनी पेंशन मिलेगी?

आज के समय में देश की एक बहुत बड़ी जनसंख्या प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करती है जहां हर महीने उनके वेतन से Employees Pension Scheme (EPS) में योगदान किया जाता है। हर महीने ये योगदान कर्मचारियों को एक निश्चित अवधी तक नौकरी करने के बाद में पेंशन का लाभ भी दिलवाता है।
अधिकतर कर्मचारियों को पता ही नहीं रहता की वो जो नौकरी कर रहे है उसमे उनको कितनी पेंशन मिलेगी और कब पेंशन मिलेगी। आइये आपको इस आर्टिकल में पूरी डिटेल के साथ में बताते है की अगर आपकी सैलरी 15 हजार महीने है और आपने 20 साल नौकरी की है तो कितनी पेंशन मिलेगी और कब आप इस पेंशन का लाभ ले सकते है।
सबसे पहले तो आपको बता दें की प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले व्यक्ति की पेंशन की गणना Employees Pension Scheme (EPS) के तहत की जाती है जो Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) द्वारा संचालित होती है। पेंशन की राशि की गणना एक तय फॉर्मूले के आधार पर होती है और ऐसी फॉर्मूले के इस्तेमाल से प्राइवेट सेक्टर में कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जाता है। इसमें “पेंशन = (पेंशन योग्य सैलरी × पेंशन योग्य सेवा अवधि) ÷ 70” फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है।
कितनी पेंशन मिलेगी हर महीने?
अब पेंशन की गणना करते है। आपकी सैलरी 15,000 रुपये महीना है और आपने 20 साल तक नौकरी की है। मौजूदा समय में EPS के तहत पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15,000 रुपये प्रति माह है और फिर भले ही आपकी वास्तविक सैलरी इससे अधिक हो। इसका मतलब है कि गणना में 15,000 रुपये ही लिए जाएंगे।
इसमें एक और बात का ध्यान रखना होता है की अगर आपने 20 साल से अधिक अगर नौकरी की है तो आपको 2 साला का बोनस भी मिलता है जिससे पेंशन अधिक मिलती है लेकिन यहां हम 20 साल की नौकरी की पेंशन की गणना कर रहे है इसलिए इसको अब फॉर्मूले के हिसाब से कैलकुलेशन करते है।
पेंशन = (15,000 × 20) ÷ 70 = 300,000 ÷ 70 = 4,285.71 रुपये
20 साल की नौकरी के बाद आपको हर महीने लगभग 4,286 रुपये पेंशन मिलेगी। आपको इस पेंशन का लाभ 58 साल की आयु पूरी होने के बाद में ही मिलेगा क्योंकि भारत सरकार की तरफ से बनाये गए नियमों के तहत 58 साल की उम्र में रिटायर की उम्र निर्धारित की गई है। इसलिए 58 साल की आयु होने पर आपको इस पेंशन का लाभ मिलना शुरू होगा और हर महीने आपको पेंशन मिलती रहेगी जब तक आप जीवित रहेंगे।
कुछ बातें जो आपको ध्यान में रखनी जरुरी है
एम्प्लोयी पेंशन स्कीम (EPS) में आपका योगदान हर महीने हो रहा है तो आपको कुछ बातों पर ध्यान देना होगा। EPS के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपये प्रति माह है लेकिन यह राशि उस स्थिति में लागू होती है जब गणना से कम पेंशन निकलती है। अगर आपकी सेवा की अवधि 35 साल तक होती (20 साल से अधिक पर 2 साल का बोनस जोड़कर) तो अधिकतम पेंशन 7,500 रुपये तक हो सकती थी।
अगर व्यक्ति ने 2014 से पहले EPS में योगदान शुरू किया था तो पेंशन की गणना प्रो-राटा आधार पर हो सकती है (6,500 रुपये और 15,000 रुपये की सीमा के आधार पर) लेकिन यहां हमने जो गणना की है वो 2014 के बाद की नौकरी के हिसाब से की है। इसलिए 15,000 रुपये मासिक सैलरी और 20 साल की सेवा के आधार पर हर महीने लगभग 4,286 रुपये पेंशन मिलेगी।
अगर 2014 के पहले से नौकरी कर रहे है तो पेंशन कितनी मिलेगी?
अगर कोई व्यक्ति 2014 से पहले से नौकरी कर रहा है और उसकी सैलरी 15,000 रुपये महीना है तो 20 साल की नौकरी के बाद उसकी EPFO पेंशन की गणना दो हिस्सों में होगी। 2014 से पहले पेंशन योग्य सैलरी 6,500 रुपये मानी जाती थी और 2014 के बाद यह 15,000 रुपये हो गई।
उदाहरण के लिए मान लीजिए उसने 2005 में नौकरी शुरू की तो 2005 से 2014 तक (9 साल) के लिए पेंशन होगी (6,500 × 9) ÷ 70 = 836 रुपये और 2014 से 2025 तक (11 साल) के लिए (15,000 × 11) ÷ 70 = 2,357 रुपये। दोनों को जोड़ने पर कुल पेंशन लगभग 3,193 रुपये महीना बनेगी।
यह राशि तब मिलेगी जब वह 58 साल की उम्र में रिटायर हो और सटीक गणना के लिए नौकरी शुरू होने का साल बताना जरूरी है। यानि अगर आपकी नौकरी 2005 में नहीं बल्कि 2001 में शुरू हुई है तो आपकी पेंशन भी अलग हो जाएगी। आपने कब नौकरी शुरू की है ये हमें कमेंट में जरूर बताना। ऐसी ही जानकारियों वाली ख़बरों के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो जरूर करें।