पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन , Delhi AIIMS में ली आखिरी सांस, सरकार ने 7 दिन के शोक की घोषणा की
एम्स की तरफ से आ रही खबर के अनुसार और परिवारजनों से मिली जानकारी के अनुसार गुरूवार को शाम को घर पर अचानक से बेहोश होने के बाद उनको अस्पताल में लाया गया था। इसके बाद उनको आपातकाल कक्ष में रखा गया लेकिन उनको बचाया नहीं जा सकता।
मनमोहन सिंह का करियर भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर माना जाता है। उनका सार्वजनिक जीवन 1971 में भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शुरू हुआ था। उन्होंने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए और देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सुधारों, वैश्विक आर्थिक मंच पर मजबूती, और गरीबी उन्मूलन के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनकी शैक्षिक यात्रा और कार्यक्षेत्र में सफलता की कहानियां आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उन्होंने भारतीय संसद में 33 वर्षों तक सेवा दी, और इस साल की शुरुआत में वे राज्यसभा से सेवानिवृत्त हुए थे।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, और अन्य प्रमुख नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें एक "विवेकशील और समर्पित नेता" बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। ओबामा ने भी मनमोहन सिंह को एक महान नेता और मित्र के रूप में याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मनमोहन सिंह का निधन न केवल भारतीय राजनीति, बल्कि वैश्विक राजनीति और अर्थशास्त्र के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। देश और दुनिया के नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनकी यादें और उनके द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्य हमेशा भारतीय राजनीति और समाज में अमिट रहेंगी।