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सोशल मीडिया को लेकर सरकार के नियम, माता पिता की इजाजत के बिना नहीं खुलेंगे बच्चो के अकॉउंट

सोशल मीडिया के ज़माने में बच्चो का सोशल मीडिया पर बढ़ता चलन काफी खतरनाक है, बच्चो में सोशल मीडिया के वजह से अलग अलग आदते बन रही है, पढाई भी प्रभावित हो रही है। साथ में स्पोर्ट्स सम्बंधित एक्टिविटी भी प्रभावित होने से बच्चो का शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है। लेकिन अब सोशल मीडिया अकॉउंट को लेकर सरकार के नए नियम जारी हो चुके है। 
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social media act
शुक्रवार के दिन सरकार ने सोशल मीडिया पर बच्चो के अकॉउंट सम्बंधित नियमो को लेकर अपडेट जारी कर दिया है। और अब सोशल मीडिया कंपनी बिना माता पिता की इजाजत के बच्चो के अकॉउंट खोलने की सुविधा नहीं दे सकेंगी, बच्चे अपनी मर्जी से सोशल मीडिया पर खाता नहीं बना पाएंगे। भारतीय इलेक्ट्रॉनिक एवं इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय की तरफ से मसौदे को मंजूरी भी दी जा चुकी है। लेकिन सरकार अभी इन नियमो के लिए जनता से राय ले रही है। जिसके लिए 18 फरवरी तक का समय दिया गया है। 

डिजिटल सुरक्षा के लिए जरुरी है नियम

बढ़ते सोशल मीडिया चलन के कारण अब जरुरी हो चूका है की सरकार कोई ख़ास नियम सोशल मीडिया के लिए लेकर आये और अभी इसके लिए मसौदा तैयार हो चूका है और जनता के पास राय के लिए भेज दिया गया है। इस मसौदे में कई नियम शामिल है। जिसमे बिना अनुमति के डाटा स्टोर से लेकर बच्चो के सोशल मीडिया अकॉउंट सबंधित कई नियम शामिल होंगे। जनता इसके संबंधत में अपनी राय  mygov.in पर जाकर दे सकती है। हालाँकि ये नियम अभी प्रभावी नहीं है लेकिन 18 फरवरी के बाद जनता की राय के मुताबिक इन नियमो को लेकर अपडेट जारी होने वाले है। बढ़ते साइबर फ्रॉड एवं बच्चो के सोशल मीडिया उत्पीड़न सम्बंधित मामलों में ये नियम जरुरी हो चुके है। 

क्या है बच्चो के सोशल मीडिया के लिए नियम 

सोशल मीडिया पर आजकल छोटी छोटी उम्र के बच्चे अपना अकॉउंट खोल रहे है। लेकिन सरकार द्वारा तैयार मसौदे के लागु होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चो के लिए यदि अकॉउंट खोलना है तो उनके अभिभावक की मंजूरी ली जानी जरुरी होगी। इसके बिना अकॉउंट नहीं खोला जा सकेगा। और ये सुनिश्चित करना सोशल मीडिया प्लेटफार्म की जिम्मेदारी  होगी। और बिना अभिभावक की मजूरी के उनका डेटा भी स्टोर नहीं किया जा सकेगा। 

अभी के समय देश में बच्चों के लिए डेटा प्रोटेक्शन कानून लागु करना बहुत ही जरुरी है, क्योंकि आज के समय में डिजिटल वर्ल्ड में बच्चे तेजी से ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म और टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। बच्चों के डेटा को सुरक्षित रखना उनके वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए आवश्यक है।

सोशल मीडिया के साथ साथ बच्चे अलग अलग गेमिंग प्लेटफार्म का भी उपयोग करते है जिसमे उनकी पर्सनल जानकारी मांगी जाती है। और ये डाटा उन कंपनी के पास बिना माता पिता की सहमति के होता है। कई बार इन कंपनी के डाटा लीक होने की खबरे भी आती है। जिससे ये डाटा जो कंपनी के साथ बच्चो या किसी भी व्यक्ति का स्टोर होता है इसका प्रयोग साइबर बुलिंग, डिजिटल उत्पीड़न जैसे किया जा सकता है। इसके साथ ही बच्चो को भी निजता का अधिकार है, डेटा प्रोटेक्शन कानून सुनिश्चित करता है कि बच्चों की जानकारी उनके माता-पिता या अभिभावकों की सहमति के बिना इस्तेमाल न हो। 

डाटा स्टोरेज समबधित नियम 

साल 2023 में कानून पास हुआ था जिसमे पर्सनल डाटा प्रोक्टशन को लेकर नियम थे। जिसमे व्यक्ति को पूछने का अधिकार होना जरुरी है की उनका क्या डाटा स्टोर किया गया है और किस वजह से स्टोर किया जा रहा है। और इस कानून के मुताबिक कम्पनिया व्यक्ति का पर्सनल डाटा देश से बाहर नहीं लेकर जा सकती है। देश में ये डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन कानून साल 2023 में संसद से पास हुआ था, यदि कंपनी इन नियमो के मुताबिक डेटा कानून का उलंघन करती है तो 250 करोड़ तक का भारी भरकम जुर्माना लग सकता है।

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