नई दिल्ली: PPF Account Holders Good News – सरकार की तरफ से देश के लोगों को मौजूदा समय में एक से बढ़कर योजनाएं चलाई जा रही है जिससे लोगों को बहुत लाभ मिल रहा है। अब PPF की तरफ से भी लोगों को बिलकुल नाममात्र ब्याज दर के साथ में ऋण दिया जा रहा है। ग्राहकों को मिलने वाले इस लोन को चुकाने के लिए भी बहुत सी आसान किस्तों को बनाया गया है ताकि लोन चुकाने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना आने पाये।

आमतौर पर जब भी लोगों को पैसे की जरुरत होती है तो सबसे पहले तो अपने दोस्तों को परिवारजनों के पास में ही पूछताछ करते है लेकिन जब उनका काम नहीं बनता तो फिर बैंक की तरफ भागते है लेकिन बैंक में अधिक ब्याज दरों के कारण लोग लिए गये ऋण को किस्तों में भी नहीं भर पाते। इसलिए लोन नहीं चुका पाने के लिए लोगों को बाद में बैंक की तरफ से बहुत परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।

लेकिन अब PPF के जरिये आपको ढेर सारा ऋण बेहद कम ब्याज दर के साथ में आपको मिलने वाला है इसलिए अब टेंशन लेने का समय चला गया है। इस आर्टिकल में हम आपको PPF से लोन लेने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है इसलिए आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें।

PPF खाता क्या होता है देखिये

सबसे पहले तो आपको हम PPF Account के बारे में जानकारी दे देते है ताकि आपके मन में कोई भी संशय ना रहे की हम किस बारे में बात कर रहे है। PPF को हिंदी में पब्लिक प्रोविडेंट फंड के नाम से भी जाना जाता है और ये भारत की केंद्र सरकार के द्वारा संचालित की जा रही एक लॉन्ग टर्म योजना है।

सरकार की तरफ से PPF में निवेश किये गए पैसे पर ग्राहकों को 7.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज दिया जाता है। सरकार की तरफ से इस योजना में ब्याज दरों को आखिरी बार साल 2020 में संसोधित किया था और उसके बाद में कोई भी संसोधन नहीं लागु किया है। सरकार की तरफ से इस योजना में निवेश की गई राशि पर ग्राहकों को लोन भी दिया जाता है जो की निवेश के 5 साल के अंदर मिलता है।

PPF में लोन पर ब्याज दर क्या है

अगर आप सरकार की PPF योजना में आपके द्वारा किये गए निवेश पर ऋण लेना चाहते है तो आपको सरकार की तरफ से आपको केवल एक फीसदी ब्याज का ही पैसा लिया जाता है। यानि की आपके द्वारा निवेश की गई राशि पर जो ब्याज मिलता है उसको काटकर आपको केवल 1 फीसदी के करीब ऋण मिल जाता है।

आपको बता दें की एक्चुअल ब्याज की अगर हम बात करने तो इस स्कीम में सरकार की तरफ से आपसे 8.1 फीसदी के हिसाब से ब्याज लिया जाता है लेकिन आप निवेश करते है तो उस पर भी आपको ब्याज मिलता है और उस ब्याज को आपके ऋण वाले खाते में सीधा भेज दिया जाता है। इसके बाद आपके ब्याज वाले पैसे के अलावा केवल 1 फीसदी ही ब्याज देना होता है।

अगर आप इस स्कीम में लिए गए ऋण की किस्तों को समय पर नहीं भरते है तो आपसे 6 फीसदी के हिसाब से बया देना होता है। 6 फीसदी बया देने का मतलब है की आपको कुल 13 फीसदी से भी अधिक ब्याज चुकाना होता है इसलिए अपनी ब्याज की किस्तों को हमेशा समय पर भरनी चाहिए।

मैं शुभम मौर्या पिछले 2 सालों से न्यूज़ कंटेंट लेखन...

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