मध्य प्रदेश के किसानों के लिए सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। इस बार गेहूं की खरीदी 15 मार्च से 5 मई 2025 तक होगी जिसमें किसानों को ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से भुगतान मिलेगा। इसमें ₹2425 का न्यूनतम समर्थन मूल्य और ₹175 प्रति क्विंटल का बोनस शामिल है।
सरकार ने इस पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई नई व्यवस्थाएं की हैं जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी तरह की परेशानी न हो। अगर आप भी गेहूं बेचने की योजना बना रहे हैं तो इस खबर को ध्यान से पढ़ें क्योंकि इसमें आपके लिए हर जरूरी जानकारी दी गई है।
कहां और कब से शुरू होगी गेहूं की खरीदी?
मध्य प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीदी को दो चरणों में बांटा है। पहले चरण में इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के किसानों से 15 मार्च 2025 से गेहूं खरीदी शुरू होगी। दूसरे चरण में अन्य सभी संभागों में 17 मार्च 2025 से गेहूं की खरीदी शुरू की जाएगी।
सरकार का अनुमान है कि इस साल प्रदेश में लगभग 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जाएगा। खासकर मालवा-निमाड़ क्षेत्र के किसान इस योजना से बड़े लाभ में रहेंगे क्योंकि यहां का गेहूं गुणवत्ता में सबसे अच्छा माना जाता है। सीहोर जिले का शरबती गेहूं तो पूरे देश में प्रसिद्ध है।
गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग जरूरी
इस बार सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था लागू की है। इसका मतलब यह है कि कोई भी किसान सीधे खरीदी केंद्र पर जाकर अपनी उपज नहीं बेच सकेगा, बल्कि उसे पहले www.meuparjan.nic.in पर जाकर स्लॉट बुक करना होगा।
इस ऑनलाइन सिस्टम से किसानों को खरीदी केंद्रों पर लंबी लाइन में खड़े होने की परेशानी से बचाया जाएगा। उन्हें एक निश्चित दिन और समय दिया जाएगा, जिससे पूरी प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। अगर आपने अभी तक गेहूं उपार्जन के लिए पंजीकरण नहीं कराया है तो जल्दी कर लें। पंजीकरण की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 रखी गई है। इसके बाद बिना पंजीयन किए किसान अपनी उपज नहीं बेच पाएंगे।
खरीदी केंद्रों पर क्या सुविधाएं होंगी?
राज्य सरकार ने इस बार खरीदी केंद्रों को पहले से ज्यादा व्यवस्थित और सुविधाजनक बनाया है। सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों को कोई परेशानी न हो। इसीलिए खरीदी केंद्रों पर छाया, टेंट, बैठने की जगह, ठंडा पानी, पंखे, तौल मशीन और कंप्यूटर जैसी सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इसके अलावा पहली बार खरीदी केंद्रों पर गेहूं की सफाई के लिए क्लीनिंग मशीन भी लगाई जा रही है। इससे किसानों को बेहतरीन गुणवत्ता का गेहूं देने में मदद मिलेगी और उन्हें सही दाम मिलेगा। खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए हर केंद्र पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं का नियमित निरीक्षण करें।
भुगतान और निगरानी की व्यवस्था कैसी होगी?
किसानों को समय पर भुगतान मिले, इसके लिए राज्य सरकार ने विशेष इंतजाम किए हैं। जिला, उपखंड और मंडी स्तर पर निगरानी समितियां गठित की गई हैं जो यह सुनिश्चित करेंगी कि किसानों को उचित समय पर उनके गेहूं की कीमत मिल जाए।
सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी एसडीएम तीन दिन के भीतर खरीदी केंद्रों की भौतिक जांच करें और रिपोर्ट जिला समिति को सौंपें। इस प्रक्रिया से यह तय किया जाएगा कि कहीं भी किसी भी तरह की अनियमितता न हो। इस बार किसानों को उनकी फसल का पैसा जल्द से जल्द देने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है।
क्या करें अगर पंजीयन नहीं कराया है?
अगर आपने अभी तक गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण नहीं कराया है तो 31 मार्च 2025 से पहले यह काम जरूर कर लें। इसके बिना आपकी फसल की खरीदी नहीं हो सकेगी। पंजीयन कराने के लिए नजदीकी लोक सेवा केंद्र (CSC) या कृषि कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। आप चाहें तो घर बैठे www.meuparjan.nic.in वेबसाइट पर भी पंजीकरण कर सकते हैं।
सरकार का किसानों के लिए बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किसानों को राहत देने के लिए इस बार गेहूं पर ₹175 प्रति क्विंटल बोनस देने का ऐलान किया है। यह बोनस न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा होगा जिससे किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। सरकार का दावा है कि इस बार गेहूं खरीदी की प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी और सुविधाजनक बनाया गया है। किसानों को बेवजह परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर किसी को कोई समस्या होती है तो वे सीधे जिला उपार्जन समिति से संपर्क कर सकते हैं।
इस साल गेहूं की खरीद को लेकर सरकार की पूरी तैयारी है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे समय पर पंजीकरण कराएं, ऑनलाइन स्लॉट बुक करें और निर्धारित तारीख पर खरीदी केंद्र पर पहुंचें। इस नई नीति से किसानों को न केवल उनकी मेहनत का सही दाम मिलेगा बल्कि उन्हें समय पर भुगतान भी सुनिश्चित किया जाएगा। अगर आप एक किसान हैं तो इस योजना का पूरा लाभ उठाएं और अपनी फसल को सही कीमत पर बेचें।