home page

मोती का व्यवसाय करने से होगी बंपर कमाई

 | 
मोती का व्यवसाय करने से होगी बंपर कमाई
Pearl Farming : प्राचीन काल से किसान खेती कर रहे है। वर्तमान समय में नए -नए प्रयोग कर किसानो अत्यधिक कमाई कर रहे है। किसानो ने नगदी फसलों की खेती कर मुनाफा कमाया है आज हम आप को बता दे की एक ऐसी किस्म के बारे में बतायेगे जिसे मोती कहा जाता है जो बहुमूल्य रत्न होता है जिसका प्रयोग आभूषणों और चीजों को सजाने में किया जाता है। मोती कठोर और चमकीला भी होता है ,जिसकी कीमत अधिक होती है। मोती को प्राकृतिक रूप से तैयार होने में एक वर्ष का समय लगता है मोती घोघा नामक जीव द्वारा तैयार किया जाता है। भारत में मोती का उत्पादन कम होता है ,इसलिए इसे दूसरे देशो से निर्यात किया जाता है मोती पालन किसी पहचान का मोहताज नहीं है। मोती को समुद्र से निकालना अब पुराने जमाने की बात है ,अब तो प्रशिक्षण हासिल करके मोती पालन सिखाया जाता है आप भी मोती की खेती करना चाहते है तो हम आप को मोती की खेती कैसे करे ,इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी देंगे। घोघो नामक जीव मोती का निर्माण करता है यह खोल के अंदर रहता है ,जिसे सीप कहा जाता है। इसी सीप के अंदर मोती बनता है। जब सीप के अंदर कोई कण चला जाता है तो यह जीव इस कण को सीप के ऊपर परत चढ़ाने लगता है ,यह परत कैल्शियम कार्बोनेट की होती है और कुछ देर बाद सीप के अंदर मोती बन जाता है। यह मोती की प्राकृतिक प्रक्रिया है। लेकिन कृत्रिम तरीके से भी मोती की खेती की जाती है।

मोती की खेती क्या है ?

हम आप को बता दे की मोतियों का उत्पादन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमे सीप को 8 से 10 दिन पानी में पाला जाता है ,यह एग्रीकल्चर का एक हिस्सा है इस व्यवसाय में सीप को पाला जाता है। जिससे मोतियों की प्राप्ति होती है ,जो की किसानो के लिए एक अच्छा विकल्प है।

मोती कैसे बनता है ?

मोती सीप के अंदर बनता है ,जिसे घोघा का घर कहा जाता है जब घोघा भोजन करने के लिए सीप से मुँह बाहर निकलता है तो अनचाहे जीव उसके साथ अंदर प्रवेश कर जाते है। जिससे छुटकारा पाने के लिए अपने ऊपर कवच धारण कर लेता है। यह प्रक्रिया प्राकृतिक होती है। इसे कृत्रिम तरीके से भी किया जाता है। हम आप को बता दे की एक मोती की कीमत 200 से 2000 तक की होती है। मोती अगर उच्च गुणवत्ता का होता है तो उसकी कीमत भी अधिक होती है।

सीप का ऑपरेशन

आप को बता दे की मोती को प्राप्त करने के लिए सीप का ऑपरेशन किया जाता है सीप के अंदर रेत का कण डाला जाता है। ऐसे शल्य क्रिया द्वारा भी डाला जाता है। सीप के मुख को अधिक नहीं खोले ,ऐसे सीप के मरने का खतरा होता है जो पैदावार को भी प्रभावित करता है।

कृत्रिम तरीके से मोती की खेती कैसे करे ?

मोती की खेती के लिए सबसे पहले सीप को खुले पानी में डालना चाहिए। फिर इसको 2 से 3 दिनों बाद निकले। सीप की सतह पर 2 या 3 छेद करने चाहिए। और इस छेद में से रेत का एक कण डाले ,अब 2 -3 सीप को एक कपड़े के बैग में डालकर ,पाइप के सहारे तालाब में छोड़ दे। मोती तैयार होने में 15 से 20 दिन लगते है ,इसके बाद आप कवच को तोड़कर मोती निकल सकते है। इस प्रकार आप मोत की खेती कर सकते है।

मोती के प्रकार

केवीटी

इस किस्म के मोती का ऑपरेशन कर उसके अंदर फॉरेन बॉडी डालकर मोती तैयार किया जाता है इसमें मोती का आकर कैसा भी हो सकता है। इनकी कीमत हजारो तक होती है ,यह मोती कृत्रिम तरीके से तैयार होता है।

गोनट मोती

इसका आकार गोलाकार होता है ,क्योकि यह प्राकृतिक रूप से तैयार होता है। यह मोती चमकदार होते है। जिसकी कीमत 1 हजार से 50 हजार रुपए होती है।

मेंटलटीसू

इस मोती का इस्तेमाल च्यवनप्राश व् टॉनिक को बनाने में किया जाता है। इसकी बाजारों में अधिक मांग होती है। इसको खाने में इस्तेमाल किया जाता है। इस मोती को सीप के अंदर सीप का टुकड़ा डालकर किया जाता है।

मोती की खेती में होने वाले फायदे

मोती की खेती पर्यावरण की दृष्टि से हितकारी होती है ,मोती पालन से आर्थिक लाभ होते है। मोती जल प्रदूषण जैसी समस्या से छुटकारा दिलाता है यह साफ़ पानी करने का काम करता है जिससे पानी को गंदा होने से बचाया जाता है। एक मोती होता है जो इतर मोती होता है जिसका उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है। जिसकी कीमत बाजार में अधिक होती है। किसानो के लिए यह अच्छी कमाई का साधन है।

मोती की खेती के प्रकार

मोती की खेती दो प्रकार की होती है,जो अलग -अलग प्रकार की होती है तथा अलग -अलग प्रकार के मोती प्राप्त होते है मोती की खेती के प्रकार इस प्रकार है -

प्राकृतिक मोती

यह मोती महगे मोती होते है। जो प्राकृतिक रूप से स्वयं उत्पन्न होते है ,जो समुद्र की गहराइयों में सीप द्वारा प्राप्त होते है। ऐसा मोती प्राप्त करना मानव और मशीन की बात नहीं है ,इनमे एक अलग चमक व् अलग पहचान होती है।

कृत्रिम मोती

इस तरह के मोती की खेती नहीं की जाती है और न ही ये अपने आप उत्पन होते है ,इनको मानव द्वारा मशीनों से उत्पन किया जाता है। जिसकी कीमत कम होती है।

कब करे मोती की खेती ?

अगर आप जानना चाहते है की मोती की खेती शुरू करने का सही समय क्या है तो हम आप को बता दे की मोती की खेती के लिए सबसे अच्छा समय सर्दियों में होता है। जैसा की हम सब जानते है की नवंबर से फरवरी तक का महीना सर्दियों का होता है इसलिए मोती की खेती के लिए सबसे अच्छा मौसम शरद ऋतु यानी नवंबर से फरवरी तक का समय होता है। इस महीने में आप मोती की खेती कर सकते है।

मोती की खेती में खर्च

हम आप को बता दे की अगर आप भी मोती की खेती करना चाहते है तो आपको सर्जिकल हाउस के साथ -साथ सीप ,तालाब ,और कुछ खाद की जरूरत होती है ,इसके अलावा आप ऑपरेशन उपकरण और टेबल -कुर्सी की आवश्यकता होती है ,इसमें से कुछ तो आप अपने घर से भी ले सकते है। अगर आप बड़े पैमाने पर मोती की खेती करना चाहते है तो आप को तालाब और कुछ कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इसके अलावा तालाब में डालने के लिए अन्य उर्वरको का खर्चा आता है। लागत की बात करे तो आमतौर से 15000 से ₹25000 तक का खर्च आ सकता है।

मोती की खेती की कमाई

अगर हम मोती की खेती की कमाई की बात करे तो एक साधारण मोती की कीमत बाजार में 300 से 2000 रुपए के बीच पाई जाती है। कुछ मात्रा में भी मोती की खेती में आप लाखो तक की कमाई कर सकते हो।

मोती की खेती के लिए प्रशिक्षण केंद्र

मोती की खेती का प्रशिक्षण केंद्र मध्य प्रदेश में है जहा जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में छिंदवाड़ा सेंटर में कोई भी व्यक्ति ट्रेनिंग लेकर मोती की खेती कर सकता है। उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्‍वर में मोती की खेती की ट्रेनिंग फ्री में 15 दिनों तक दे जाती है। तो आप भी इस ट्रेनिंग का फायदा उठा सकते है।      
WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now