यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण का कारण, 2 करोड़ लीटर गंदा पानी ड्रेन नंबर 6 में खुलेआम बहाया जा रहा है, देखें वीडियो

सोनीपत, 13 अप्रैल 2025: यमुना नदी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल उठे हैं। हरियाणा के सोनीपत जिले में बारही HSIIDC औद्योगिक क्षेत्र से रोजाना 2 करोड़ लीटर गंदा पानी ड्रेन नंबर 6 में डाला जा रहा है, जो सीधे यमुना नदी में पहुंच रहा है। इतनी अधिक मात्रा में गन्दा पानी रोजाना अगर यमुना में दाल जा रहा है तो कैसे इसको साफ़ किया जायेगा ये सवाल अब लोगों में जहां में आ रहा है। आइये आपको इसका वीडियो दिखाते है।
बारही HSIIDC और डाईंग उद्योग से पानी का बहाव
पर्यावरण कार्यकर्ता वरुण गुलाटी ने अपने एक्स पोस्ट में बताया कि बारही HSIIDC औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) और वहाँ चल रहे डाईंग उद्योग यमुना नदी में प्रदूषण का बड़ा कारण हैं। उनके अनुसार, यहाँ से रोजाना 2 करोड़ लीटर अनुपचारित गंदा पानी ड्रेन नंबर 6 में छोड़ा जा रहा है, जो यमुना नदी को प्रदूषित कर रहा है।
वरुण गुलाटी ने 12 अप्रैल 2025 को ली गई एक तस्वीर साझा की है, जिसमें साफ दिख रहा है कि ड्रेन नंबर 6 में गंदा पानी तेजी से बह रहा है। यह ड्रेन आसपास के खेतों से होकर गुजरता है और अंत में यमुना नदी में मिल जाता है। इस तस्वीर ने प्रदूषण की गंभीरता को उजागर किया है।
दिल्ली #यमुना #प्रदूषण का मुख्य कारण #Barhi #HSIIDC सोनीपत के #CETP और वहाँ संचालित डाईंग उद्योगों द्वारा रोजाना 2 #करोड़ लिटर दूषित पानी ड्रेन No.6 में डाला जा रहा है!!
वीडियो: 12/04/2025@cmohry @NayabSainiBJP @Haryana_spcb @CPCB_OFFICIAL @yourdaven @cleanganganmcg कृपया… pic.twitter.com/Sv8gl3XJoV— Varun Gulati🇮🇳 (@LordYamraaj) April 12, 2025
पहले भी सामने आ चुकी है समस्या
यह पहली बार नहीं है जब बारही HSIIDC क्षेत्र से प्रदूषण की शिकायत सामने आई है। साल 2022 में एक रिपोर्ट में पुष्टि हुई थी कि बारही के CETP से लिए गए नमूने प्रदूषण मानकों पर खरे नहीं उतरे थे। उस समय भी अनुपचारित गंदे पानी की मात्रा, उपचारित पानी से दोगुनी से अधिक पाई गई थी। वरुण गुलाटी ने पहले भी इस मुद्दे को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सामने उठाया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दिल्ली से भी बढ़ रहा प्रदूषण
यमुना नदी पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रही है। दिल्ली से हर दिन 225.9 करोड़ लीटर अनुपचारित सीवेज यमुना में डाला जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में उत्पन्न होने वाले 54% सीवेज का कोई उपचार नहीं हो रहा है। इसके अलावा, 2016 से यमुना के पानी में बैक्टीरियल प्रदूषण की पुष्टि हो चुकी है, जो लाखों लोगों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर रहा है।
तुरंत कार्रवाई की जरूरत
वरुण गुलाटी ने अपने पोस्ट में हरियाणा के मुख्यमंत्री, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, और अन्य संबंधित अधिकारियों से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। पर्यावरणविदों का कहना है कि अगर इस तरह औद्योगिक प्रदूषण को नहीं रोका गया, तो यमुना नदी की स्थिति और खराब हो जाएगी।
एक्स पर लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। कुछ यूजर्स ने इसे शर्मनाक बताया है, तो कुछ ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कई लोगों ने सवाल उठाया कि इतने बड़े स्तर पर प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्या कर रहे हैं।