हर साल की तरह ही इस बार भी मानसून समय पर ही आने वाला है। और इस बार मानसून में अच्छी बारिश देखने को मिल सकती है। मॉनसून 2025 को लेकर हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक सकारात्मक अनुमान जताया है, जिसमें इस साल सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। IMD के अनुसार, इस बार जून से सितंबर के बीच लॉन्ग टर्म एवरेज रेनफॉल 105% तक रह सकता है। यह खबर न केवल किसानों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी राहत भरी है। इस आर्टिकल में हम मॉनसून 2025 से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी को विस्तार से जानेंगे, जैसे इसका आगमन, अनुकूल परिस्थितियाँ, मौसम एजेंसी की अपडेट्स, बारिश का अनुमान और प्रभावित होने वाले राज्य। आइए, सबसे पहले यह जानते हैं कि मॉनसून 2025 भारत में कब तक आएगा।
मानसून भारत में 2025 में कब तक आएगा
मॉनसून हर साल भारत में दक्षिण-पश्चिम दिशा से प्रवेश करता है और इसका आगमन आमतौर पर मई के अंत या जून की शुरुआत में होता है। मॉनसून 2025 को लेकर मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार भी यह अपने तय समय पर आ सकता है। वेब स्रोतों के अनुसार, 19 मई 2025 के आसपास दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दक्षिण अंडमान सागर, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी और निकोबार द्वीप समूह में प्रवेश करेगा। इसके बाद, यह धीरे-धीरे केरल की ओर बढ़ेगा और जून की शुरुआत, यानी 1 से 5 जून के बीच, केरल में मॉनसून की पहली बारिश होगी। भारत के अन्य हिस्सों में इसका आगमन जून के मध्य से जुलाई की शुरुआत तक होगा। हालांकि, मौसम की परिस्थितियों के आधार पर इसमें कुछ दिनों का बदलाव हो सकता है।
मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ और मौसम प्रणाली
मॉनसून 2025 के लिए मौसम की परिस्थितियाँ काफी अनुकूल नजर आ रही हैं। IMD के अनुसार, इस साल एल नीनो का प्रभाव कम होगा, जो बारिश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। एल नीनो एक ऐसी मौसम प्रणाली है, जो मॉनसून को कमजोर कर सकती है, लेकिन इस बार इसका प्रभाव न के बराबर होगा। इसके अलावा, ला नीना की संभावना भी बढ़ रही है, जो मॉनसून को मजबूत बनाती है। ला नीना के चलते प्रशांत महासागर में ठंडी हवाएँ चलती हैं, जो भारत में अच्छी बारिश लाने में मदद करती हैं। साथ ही, हिंद महासागर में डाइपोल (IOD) भी इस बार सकारात्मक रहने की उम्मीद है, जो मॉनसून को और मजबूत करेगा। इन सभी मौसम प्रणालियों के संयोजन से मॉनसून 2025 में अच्छी बारिश की संभावना बन रही है।
मॉनसून को लेकर फ़िलहाल क्या अपडेट है
मॉनसून 2025 को लेकर हाल ही में कई मौसम एजेंसियों ने अपने अनुमान साझा किए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 15 अप्रैल 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस साल मॉनसून सामान्य से अधिक रहेगा। IMD के अनुसार, जून से सितंबर के बीच लॉन्ग टर्म एवरेज रेनफॉल 105% तक हो सकता है। इसका मतलब है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश होगी।
वहीं, निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने भी अपना अनुमान जताया है। स्काईमेट के अनुसार, इस बार 103% बारिश की उम्मीद है, जो IMD के अनुमान के काफी करीब है। दोनों एजेंसियों का यह अनुमान किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है, क्योंकि अच्छी बारिश से फसल उत्पादन बढ़ेगा और जल संसाधनों में सुधार होगा।
मानसून किस-किस समय किन-किन राज्यों में पहुंचेगा
मॉनसून भारत में धीरे-धीरे अलग-अलग राज्यों में प्रवेश करता है। मानसून प्राकृतिक रूप से संचालित मौसम प्रणाली है जिसकी सटीक सुचना तो नहीं दी जा सकती है लेकिन संभावना के आधार पर किस समय अलग अलग राज्यों में मानसून का प्रभाव होगा, इसकी जानकारी मिल सकती है।
- केरल और तमिलनाडु: मॉनसून सबसे पहले 1 से 5 जून के बीच केरल में प्रवेश करेगा। तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में भी इसी समय बारिश शुरू होगी।
- कर्नाटक और आंध्र प्रदेश: जून के पहले हफ्ते के अंत तक, यानी 7 से 10 जून के बीच, मॉनसून कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पहुंचेगा।
- महाराष्ट्र और तेलंगाना: जून के मध्य तक, यानी 15 से 20 जून के बीच, मॉनसून महाराष्ट्र और तेलंगाना में प्रवेश करेगा।
- मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़: जून के अंत तक, यानी 25 से 30 जून के बीच, मॉनसून मध्य भारत के इन राज्यों में पहुंचेगा।
- उत्तर भारत (दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा): जुलाई की शुरुआत, यानी 1 से 5 जुलाई के बीच, मॉनसून उत्तर भारत में प्रवेश करेगा।
- राजस्थान और गुजरात: जुलाई के मध्य तक, यानी 10 से 15 जुलाई के बीच, मॉनसून राजस्थान और गुजरात के ज्यादातर हिस्सों में पहुंचेगा। हालांकि, मौसम की परिस्थितियों के आधार पर इसमें कुछ बदलाव हो सकता है।
इस बार मानसून में बारिश कैसी होगी
मॉनसून 2025 में बारिश की स्थिति काफी सकारात्मक नजर आ रही है। IMD के अनुमान के अनुसार, इस साल जून से सितंबर के बीच लॉन्ग टर्म एवरेज रेनफॉल 105% तक होगा, जो सामान्य से अधिक है। इसका मतलब है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश होगी। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम रह सकती है। लद्दाख, नॉर्थ-ईस्ट के कुछ हिस्से और तमिलनाडु में बारिश का स्तर सामान्य से थोड़ा कम रहने की संभावना है। वहीं, मध्य भारत, उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होगी। स्काईमेट ने भी 103% बारिश का अनुमान जताया है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि इस बार मॉनसून मजबूत रहेगा।
मानसून कब विदा लेगा
मॉनसून आमतौर पर सितंबर के अंत से अक्टूबर की शुरुआत तक भारत से विदा लेना शुरू करता है। मॉनसून 2025 के लिए भी यही अनुमान है। सबसे पहले यह उत्तर-पश्चिम भारत, जैसे राजस्थान और गुजरात से सितंबर के मध्य में, यानी 15 से 20 सितंबर के बीच, विदा लेना शुरू करेगा। इसके बाद, सितंबर के अंत तक, यानी 25 से 30 सितंबर के बीच, मॉनसून उत्तर भारत, मध्य भारत और महाराष्ट्र से विदा ले लेगा। दक्षिण भारत, जैसे केरल और तमिलनाडु, से मॉनसून अक्टूबर की शुरुआत, यानी 5 से 10 अक्टूबर के बीच, पूरी तरह से चला जाएगा। इस दौरान कुछ जगहों पर हल्की बारिश हो सकती है।
किन राज्यों में इस बार अधिक बारिश होने की संभावना है
मॉनसून 2025 में कई राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। वेब स्रोतों और IMD के अनुमान के आधार पर, निम्नलिखित राज्यों में ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है:
- महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश: ये दोनों राज्य मॉनसून के मुख्य बारिश क्षेत्र में आते हैं और इस बार यहाँ पर्याप्त बारिश होगी।
- उत्तर-पश्चिम भारत (पंजाब, हरियाणा, राजस्थान): इन राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है।
- दक्षिण भारत (केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश): दक्षिण भारत के इन राज्यों में भी अच्छी बारिश होगी।
- पश्चिम बंगाल और ओडिशा: पूर्वी भारत के इन राज्यों में मई और जून में भारी बारिश की संभावना है।
हालांकि, लद्दाख और नॉर्थ-ईस्ट के कुछ हिस्सों में बारिश सामान्य से कम रह सकती है।