आगामी 24 घंटो के दौरान गंभीर शीतलहर का अलर्ट, इन जगहों पर बारिश की संभावना
गंभीर शीतलहर का असर
24 से 26 दिसम्बर के दौरान हिमाचल प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में गंभीर शीतलहर का असर देखने को मिल सकता है। बर्फबारी का असर भारत की मैदानी हिस्सों में नजर आ रहा है। ठण्ड में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। राजधानी दिल्ली में 23 दिसम्बर को न्यूनतम तापमान आयानगर में 7 डिग्री सेल्सियस , लोधी रोड में 9.4 डिग्री, पालम में 11.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। शीतलहर से सर्वाधिक हरियाणा, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब राज्य के हिस्से प्रभावित रहे है।
24 से 25 दिसम्बर के दौरान हरियाणा, पंजाब एवं चंडीगढ़ राज्य में शीतलहर का प्रभाव जारी रह सकता है। 27 दिसम्बर को भी शीतलहर के कारण इन राज्यों में ठण्ड में बढ़ोतरी होने की संभावना है। ,मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। आगामी24 घंटो के दौरान पंजाब के गुरुदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, जालंधर, नवांशहर, लुधियाना, फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, भटिंडा, रूपनगर, फतेहगढ़ साहिब, तरन तारण में शीतलहर की संभावना है। चंडीगढ़ मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि 27 दिसम्बर के दौरान लुधियाना, रूपनगर, बरनाला, संगरूर, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब में बादलो की आवाजाही एवं कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की गतिविधिया हो सकती है।
आगामी 48 घंटो के दौरान हरियाणा के फतेहाबाद, सिरसा, कैथल, सोनीपत, पानीपत, यमुनागर, पंचकूला, अम्बाला, रेवाड़ी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, मेवात, महेंद्रगढ़ सहित आसपास के हिस्सों में शीतलहर जारी रह सकती है। जबकि अम्बाला, कैथल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, मेवात, पलवल , कुरुक्षेत्र में अलग अलग हिस्सों में कोहरा का असर रात एवं सुबह के समय देखने को मिल सकता है। 27 दिसम्बर से पंचकूला, चंडीगढ़, यमुनागर, पानीपत, सोनीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, झज्झर, रोहतक, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, मेवात क्षेत्र में गरज चमक के साथ बारिश का मौसम बन सकता है।
27 दिसम्बर से सक्रिय होगा नया पश्चिमी विक्षोभ
हिमालय के पश्चिमी हिस्सों में 27 दिसम्बर से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली में बारिश की गतिविधिया शुरू हो सकती है। पिछले 24 घंटो के दौरान भी हरियाणा, दिल्ली के अलग अलग हिस्सों में बारिश की गतिविधिया दर्ज की जा चुकी है। बारिश के कारण फसलों में काफी फायदा किसानो को होगा। शीतलहर एवं पाले के चलते फसलों में होने वाले नुकसान से राहत मिलेगी। इन राज्यों में बारिश होने के कारण फसलों के अनुकूल मौसम बनेगा जिससे ग्रोथ में मदद मिलेगी।