पाकिस्तान की धमकी, शिमला समझौता कर देंगे रद्द, जाने क्या है शिमला समझौता
पाकिस्तान की तरफ से अब शिमला समझौता रद्द करने की बात कही जा रही है लेकिन इसका भारत पर कोई भी असर नहीं होने वाला है क्योंकि पाकिस्तान ने कभी इस समझौते का ख्याल नहीं किया है और हमेशा इसके विपरीत काम किया है। देखिये रिपोर्ट -

भारत और पाकिस्तान के बीच में हालात काफी तनावपूर्ण हो चुके है और जब से पहलगाम में आतंकी हमला हुआ है और भारत के निर्दोष सैलानियों की धर्म पूछ पूछ कर हत्या की है तब से भारत की तरफ से भी साफ कर दिया गया है की इसका ऐसा जवाब दिया जायेगा को की आतंकियों और उनको पनाह देने वालों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा।
कल जब से पीएम मोदी की तरफ से चेतावनी जारी की गई है तभी से पाकिस्तान में बार बार बैठकों का दौर चल रहा है और अलग अलग बयान सामने आ रहे है। कल शाम को पाकिस्तान के सिक्योरिटी कौंसिल की बैठक के बाद बताया गया की पाकिस्तान की तरफ से भी भारत के लोगों के वीजा पर रोक लगा दी गई है और लोगों को 30 अप्रैल तक देश छोड़ने के लिए कहा गया है। इसके अलावा वाघा बॉर्डर को भी बंद किया गया है और भारत के लिए अपना एयर स्पेस भी बंद कर दिया गया है।
पाकिस्तान ने ये भी गीदड़भभकी दी है की अगर भारत ने हमारा पानी बंद करने की कोशिश की तो हम शिमला समझौता रद्द कर देंगे जिसको वे 1972 से निभाते आ रहे है। पाठकों जिस प्रकार से भारत की तरफ से सिंधु जल संधि को रोका गया है उसी प्रकार से पाकिस्तान भी शिमला समझौता रद्द करने की बात कर रहा है तो आखिर ये शिमला वाला समझौता क्या है जिसकी पाकिस्तान बार बार धमकी देता है। आइये जानते है –
क्या है शिमला समझौता
बात 1971 के युद्ध की है जब भारत ने पाकिस्तान के 90 हजार सैनिक बंदी बना लिए थे। भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे और उसमे ही बांग्लादेश का निर्माण किया था। इसके बाद में अगले साल 1972 में भारत और पाकिस्तान के बीच में एक समझौता हुआ था जिस पर उस समय की भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी और पाकिस्तान के उस समय के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किये थे। इस समझौते में कुछ पॉइंट पर भारत और पाकिस्तान के बीच में सहमति बनाई गई थी।
इस समझौते को शिमला समझौता नाम इसलिए दिया गया क्योंकि ये भारत के शिमला शहर में हुआ था। आपको बता दें की पाकिस्तान का ये जुल्फिकार अली भुट्टो वही शख्स है जो ये कहता था की भारत से लड़ने के लिए वो सालों तक घास की रोटियां खाने को तैयार है। खैर शिमला समझौते के अनुसार दोनों देशों में ये तय हुआ की दोनों के बीच में जो भी विवाद भारत और पाकिस्तान के बीच में चल रहे है उनका हल दोनों आपस में बैठ कर निकालेंगे और कोई भी तीसरा पक्ष बीच में नहीं आएगा।
इसके अलावा 1971 के युद के दौरान जो भी ज़मीन कब्जे गई थी उन सभी क्षेत्रों को वापस किया जायेगा लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया था जिसमे POK उसकी एक मिशाल है। साथ ही ये भी तय हुआ था की जम्मू और कश्मीर में जो नियंत्रण रेखा है उसको वास्तविक सिमा के रूप में जाना जायेगा और आज उसको सभी LOC के नाम से जानते है।
क्या पाकिस्तान ने शिमला समझते को निभाया है?
समझौते में ये भी तय हुआ था की दोनों ही देश एक दूसरे पर हमला नहीं करेंगे लेकिन पाकिस्तान की तरफ से आये दिन हमले होते रहे है और कभी भी उसने शिमला समझौते का ख्याल नहीं रखा। अब भारत की तरफ से भी ये कहा जा रहा है की इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की शिमला समझौता रद्द होता है या नहीं क्योंकि इस समझते का की औचित्य ही नहीं रह जाता है क्योंकि आये दिन पाकिस्तान की तरफ से भारत पर आतंकी हमले होते रहते है।
भारत की कार्यवाही से पड़ेगा फर्क
पाकिस्तान की तरफ से शिमला समझौता रद्द किया जाये या ना किया जाये इससे भारत पर कोई अधिक प्रभाव नहीं पड़ने वाला है लेकिन जो भारत की तरफ से सिंधु जल्द समझौता रद्द किया गया है इससे पाकिस्तान को फर्क पड़ने वाला है। पाकिस्तान पूरी तरह से टूट जायेगा क्योंकि पाकिस्तान की 68 फीसदी कृषि इसी पानी पर निर्भर है और देश के बड़े बड़े बिजली संयंत्र इस पानी से ही चलते है। खेती नहीं रहेगी, बिजली नहीं बनेगी तो इससे पाकिस्तान में काफी बुरा असर होगा और वहां भुखमरी के हालात पैदा होंगे। – विनोद यादव की रिपोर्ट
One Comment